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VIDEO : कर्णप्रयाग में तीन दिवसीय नाग देवता नृत्य, खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना
कर्णप्रयाग के कपीरी पट्टी के पारतोली गांव में आयोजित तीन दिवसीय नाग देवता नृत्य पूजा-अर्चना और यज्ञ की पूर्ण आहुतियों के साथ संपन्न हो गया है। पारतोली गांव में स्थित पौराणिक नाग देवता मंदिर मे हर पांच वर्ष में क्षेत्र की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए आयोजित नाग देवता धार्मिक नृत्य आयोजित होता है। इस वर्ष एक अप्रैल से तीन अप्रैल तक आयोजित धार्मिक आयोजन में नाग देवताओं के पश्वाओं ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों में देव नृत्य किया। तीन दिवसीय नृत्य में मांगल और जागरों के माध्यम से ग्रामीणों ने नाग देवताओं की पूजा-अर्चना तथा नये अनाज का भोग अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। गांव के खिलदेव सिंह रावत और मोहन सिंह पुंडीर ने बताया कि पुराणों के अनुसार नाग देवताओं के पांच कुल अनंत, बासुकी, तक्षक, कर्कोटक और पिनला थे। इन कुलों से जन्मे शेषनाग ने भगवान विष्णु और बासुकी नाग ने भगवान भोलेनाथ की सेवा स्वीकार की। नागों को शक्ति का अवतार भी माना जाता है। इसलिए आदि काल से भारत वर्ष में देवताओं के स्वरूप नाग देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है।
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