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Uttarakhand: आपदा प्रभावित धराली गांव की मानसी पंवार रीवर राफ्टिंग में मनवा रहीं लोहा
video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Tue, 30 Dec 2025 02:05 PM IST
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आपदा से प्रभावित धराली गांव की मानसी पंवार जनपद की पहली महिला रीवर राफ्टिंग प्रशिक्षक बनकर एक नई मिसाल कायम कर रही हैं। पर्यटन विभाग और विभिन्न संस्थाओं की ओर से आयोजित रीवर राफ्टिंग, नौकायन और साहसिक खेलों से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों में वह सक्रिय रूप से सेवाएं दे रही हैं। धराली आपदा का भयावह दृश्य अपनी आंखों से देखने के बावजूद मानसी ने हिम्मत नहीं हारी और आज इस साहसिक खेल में महिलाओं की मजबूत मौजूदगी दर्ज करा रही हैं।
मानसी पंवार ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से पर्वतारोहण का बेसिक और एडवांस कोर्स पूरा किया। इसके बाद उन्होंने पर्यटन विभाग के माध्यम से जनपद और ऋषिकेश में रीवर राफ्टिंग का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके साथ ही टिहरी झील में पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण भी लिया। शुरुआत में वह शौकिया तौर पर ट्रैकर्स को स्थानीय स्तर पर ट्रैकिंग कराती थीं और गाइड के रूप में काम करती थीं। इस दौरान उन्होंने टाटा स्टील फाउंडेशन के साथ भी ट्रैकिंग कार्य में योगदान दिया।
पांच अगस्त को धराली में आई भीषण आपदा के दौरान मानसी ने अपने ही गांव के लोगों को मलबे में दबते हुए देखा। इस आपदा से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हुई, लेकिन कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने रीवर राफ्टिंग को ही अपना करियर बनाने का फैसला किया और इसे रोजगार का माध्यम बनाया।
अब तक मानसी पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित दो रीवर राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बतौर प्रशिक्षक अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। वर्तमान में चल रहे प्रशिक्षण में वह अकेली महिला प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। वह जनपद की एकमात्र और पहली महिला रीवर राफ्टिंग प्रशिक्षक हैं।
मानसी का कहना है कि पुरुषों के बीच काम करने में उन्हें कोई संकोच नहीं होता। उनका मानना है कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में जनपद की कई महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। अब वह भी रीवर राफ्टिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेकर जनपद का नाम रोशन करना चाहती हैं।
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