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स्वामी रामतीर्थ के शब्दों का जादू
Updated Thu, 25 Apr 2013 09:16 PM IST
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अमेरिका में डॉ हिल्लर के यहां स्वामी रामतीर्थ ठहरे हुए थे। अमेरिका की विख्यात फिल्म अभिनेत्री ऐनी का एकमात्र पुत्र किसी घातक बीमारी का शिकार होकर मर गया। इस घटना ने ऐनी को पूरी तरह तोड़ दिया।
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उसका मन अशांत रहने लगा। उसे इस आघात के कारण दौरे पड़ने लगे। जीवन से निराश होकर वह आत्महत्या का विचार करने लगी।
इसी दरम्यान उसे पता चला कि सेनफ्रांसिस्को में एक भारतीय संत आए हुए हैं। उनके पास ऐसी दिव्य शक्ति है कि वह उसके बल पर दुर्लभ से दुर्लभ वस्तु भी क्षण भर में प्रकट कर देते हैं। ऐनी स्वामी रामतीर्थ के पास जा पहुंची।
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वह स्वामी जी के सामने बैठते ही बेटे को याद कर फफक-फफक कर रो पड़ी। ऐनी ने स्वामी जी के चरणों में पड़ते हुए कहा, महाराज, आप किसी भी तरह मेरा बेटा वापस दिला दें। मैं जीवन भर आपका एहसान नहीं भूलूंगी।
स्वामी जी ने ऐनी का हाथ पकड़ा तथा उसे पास की एक बस्ती में ले गए। वहां अनाथालय में एक बच्चे का हाथ पकड़कर बोले, आप इसमें अपने बेटे को देखें। इसे अपने बेटे की तरह लाड़-प्यार दें। यह आपका जीवन खुशियों से भर देगा।
इन शब्दों का ऐनी पर जादुई प्रभाव पड़ा। वह बच्चे को अपने घर ले गई। कुछ ही दिनों में वह अनाथ बच्चा एेनी के जीवन का सहारा बन गया। स्वामी रामतीर्थ के सत्संग से ऐनी धर्मपरायण महिला बन गई।