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गुम हुई मासूमों की चीख: 2 ट्रेनों के शोर के बीच दब गई आवाज,दुर्गाबाड़ी क्रॉसिंग पर महिला-बच्ची की मौत; एक घायल
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Mon, 15 Dec 2025 11:25 AM IST
सार
दुर्गाबाड़ी क्रॉसिंग, गोरखनाथ ओवरब्रिज निर्माण के कारण क्रॉसिंग बंद है। लोग अक्सर क्रॉसिंग के नीचे से दुर्गाबाड़ी की ओर जाते हैं। रविवार की शाम जब सविता बच्चियों के साथ क्रॉसिंग पर पहुंची तो एक मालगाड़ी वहां से गुजर रही थी। मालगाड़ी देख सविता, शिया और मिष्ठी दूसरे ट्रैक पर खड़ी हो गईं। तभी गोरखपुर स्टेशन से जम्मूतवी जा रही मोरध्वज एक्सप्रेस तेज रफ्तार में आ गई। दो ट्रेनों के शोर के बीच तीनों शायद खतरे को भांप नहीं सकीं और ट्रेन की चपेट में आ गईं।
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इसी ट्रेन से हुए हादसे में सविता और शिया की मौत हो गई. दोनों मृतकों की फाइल फोटो.
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
कोतवाली थाना क्षेत्र की दुर्गाबाड़ी रेलवे क्रॉसिंग के पास रविवार की शाम बाजार जा रहीं सविता यादव (32) और पड़ोस की दो बच्चियां सिया (8) और कनक उर्फ मिष्ठी (9) ट्रेन की चपेट में आ गईं। इस हादसे में सिया और सविता की मौत हो गई जबकि मिष्ठी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि क्रॉसिंग पार करते समय मालगाड़ी आती देख सविता बच्चियों के साथ दूसरे ट्रैक पर रुक गई थी, इसी बीच उस ट्रैक पर आई मोरध्वज एक्सप्रेस ने तीनों को चपेट में ले लिया। कोतवाली थाना प्रभारी छत्रपाल ने बताया कि हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला की रहने वाली सविता रविवार की शाम दुर्गाबाड़ी बाजार जाने के लिए घर से निकली थी।
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बताया जा रहा है कि क्रॉसिंग पार करते समय मालगाड़ी आती देख सविता बच्चियों के साथ दूसरे ट्रैक पर रुक गई थी, इसी बीच उस ट्रैक पर आई मोरध्वज एक्सप्रेस ने तीनों को चपेट में ले लिया। कोतवाली थाना प्रभारी छत्रपाल ने बताया कि हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला की रहने वाली सविता रविवार की शाम दुर्गाबाड़ी बाजार जाने के लिए घर से निकली थी।
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सामने के घर में रहने वाली सिया को उसने साथ चलने को कहा तो वहां खेल रही पड़ोस में रहने वाली मिष्ठी भी साथ चल पड़ी। घर से करीब 500 मीटर आगे गोरखनाथ के नए ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के कारण दुर्गाबाड़ी रेलवे क्रॉसिंग बंद मिली। सविता बच्चियों के साथ किनारे से ट्रैक पार करने के लिए बढ़ी तो मालगाड़ी आती देख दूसरे ट्रैक पर खड़ी हो गई।
इसी बीच गोरखपुर जंक्शन से जम्मूतवी जा रही मोरध्वज एक्सप्रेस तेज रफ्तार में उसी ट्रैक पर आ गई, सविता और बच्चियां उसकी चपेट में आ गईं। इसके बाद गेटमैन ने जीआरपी और स्थानीय पुलिस को हादसे की जानकारी दी। पुलिस ने सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सविता और सिया को मृत घोषित कर दिया। वहीं मिष्ठी को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसी बीच गोरखपुर जंक्शन से जम्मूतवी जा रही मोरध्वज एक्सप्रेस तेज रफ्तार में उसी ट्रैक पर आ गई, सविता और बच्चियां उसकी चपेट में आ गईं। इसके बाद गेटमैन ने जीआरपी और स्थानीय पुलिस को हादसे की जानकारी दी। पुलिस ने सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सविता और सिया को मृत घोषित कर दिया। वहीं मिष्ठी को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दुर्गाबाड़ी क्रॉसिंग पर हुए हादसे में सविता और मासूम सिया की मौत के बाद हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला में मातम है। अधिकतर घरों में चूल्हे नहीं जले और देर रात तक हादसे की चर्चा होती रही। आशंका जताई जा रही है कि बच्चियों के साथ दूसरे ट्रैक पर रुकी सविता मालगाड़ी के शोर में दूसरी ट्रेन के आने की आहट नहीं सुन पाई और मासूम सिया के साथ जान गंवा बैठी।
हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला में रविवार की शाम रोज की तरह बच्चे धमा-चौकड़ी कर रहे थे। सिया (8) और कनक उर्फ मिष्ठी (9) भी गली में खेल रहीं थीं। सामने ही ऑटो चालक हेमंत यादव का मकान है। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक हेमंत की पत्नी सविता खरीदारी के लिए दुर्गाबाड़ी बाजार जाने के लिए निकली।
हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला में रविवार की शाम रोज की तरह बच्चे धमा-चौकड़ी कर रहे थे। सिया (8) और कनक उर्फ मिष्ठी (9) भी गली में खेल रहीं थीं। सामने ही ऑटो चालक हेमंत यादव का मकान है। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक हेमंत की पत्नी सविता खरीदारी के लिए दुर्गाबाड़ी बाजार जाने के लिए निकली।
उसने सिया से कहा कि बाजार चलो चॉकलेट दिलाऊंगी, यह सुनकर मिष्ठी भी साथ चल पड़ी। सिया ने सविता के मोबाइल से कॉल कर पिता अमित को बताया था कि कुछ देर में बाजार से लौट आएगी। घर से करीब 500 मीटर आगे दुर्गाबाड़ी क्रॉसिंग पर गोरखनाथ ओवरब्रिज निर्माण के कारण क्रॉसिंग बंद है।
लोग अक्सर क्रॉसिंग के नीचे से दुर्गाबाड़ी की ओर जाते हैं। रविवार की शाम जब सविता बच्चियों के साथ क्रॉसिंग पर पहुंची तो एक मालगाड़ी वहां से गुजर रही थी। मालगाड़ी देख सविता, शिया और मिष्ठी दूसरे ट्रैक पर खड़ी हो गईं। तभी गोरखपुर स्टेशन से जम्मूतवी जा रही मोरध्वज एक्सप्रेस तेज रफ्तार में आ गई। दो ट्रेनों के शोर के बीच तीनों शायद खतरे को भांप नहीं सकीं और ट्रेन की चपेट में आ गईं।
लोग अक्सर क्रॉसिंग के नीचे से दुर्गाबाड़ी की ओर जाते हैं। रविवार की शाम जब सविता बच्चियों के साथ क्रॉसिंग पर पहुंची तो एक मालगाड़ी वहां से गुजर रही थी। मालगाड़ी देख सविता, शिया और मिष्ठी दूसरे ट्रैक पर खड़ी हो गईं। तभी गोरखपुर स्टेशन से जम्मूतवी जा रही मोरध्वज एक्सप्रेस तेज रफ्तार में आ गई। दो ट्रेनों के शोर के बीच तीनों शायद खतरे को भांप नहीं सकीं और ट्रेन की चपेट में आ गईं।
हादसे के बाद मोहल्ले में मातम
रविवार की शाम हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। जिस गली में कुछ ही क्षण पहले तक बच्चों की हंसी की गूंज थी, अचानक चीख-चित्कार से पूरा मंजर बदल गया।
हर दरवाजे पर शोक की चुप्पी थी। परिवार के लोग अस्पताल चले गए थे वहीं, सविता का छह साल का मासूम बेटा स्वास्तिक मां के लिए बिलख रहा था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि 14 साल पहले सविता और हेमंत की शादी हुई थी। सविता मोहल्ले में मिलनसार स्वभाव के लिए जानी जाती थी।
रविवार की शाम हुमायूंपुर उत्तरी यादव टोला के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। जिस गली में कुछ ही क्षण पहले तक बच्चों की हंसी की गूंज थी, अचानक चीख-चित्कार से पूरा मंजर बदल गया।
हर दरवाजे पर शोक की चुप्पी थी। परिवार के लोग अस्पताल चले गए थे वहीं, सविता का छह साल का मासूम बेटा स्वास्तिक मां के लिए बिलख रहा था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि 14 साल पहले सविता और हेमंत की शादी हुई थी। सविता मोहल्ले में मिलनसार स्वभाव के लिए जानी जाती थी।
घर की रौनक थी सिया
आठ साल की सिया घर की रौनक थी। पिता अमित यादव ड्राई फ्रूट की दुकान पर काम करते हैं। बेटी की मौत की खबर मिलते ही वह बेसुध हो गए, मां भी बदहवास पड़ी थी। कक्षा छह में पढ़ने वाला भाई अनुराग फूट-फूटकर रो रहा था।
मोहल्ले के रहने वाले आशीष ने बताया कि, सिया बहुत चंचल थी। स्कूल से लौटते ही गली में खेलना उसकी दिनचर्या में था। रविवार को भी वह दोस्तों के साथ खेल रही थी, इसी बीच सविता के साथ बाजार के लिए निकल गई थी
आठ साल की सिया घर की रौनक थी। पिता अमित यादव ड्राई फ्रूट की दुकान पर काम करते हैं। बेटी की मौत की खबर मिलते ही वह बेसुध हो गए, मां भी बदहवास पड़ी थी। कक्षा छह में पढ़ने वाला भाई अनुराग फूट-फूटकर रो रहा था।
मोहल्ले के रहने वाले आशीष ने बताया कि, सिया बहुत चंचल थी। स्कूल से लौटते ही गली में खेलना उसकी दिनचर्या में था। रविवार को भी वह दोस्तों के साथ खेल रही थी, इसी बीच सविता के साथ बाजार के लिए निकल गई थी
दुबई से घर के लिए रवाना हुए मिष्ठी के पिता
हादसे में गंभीर रूप से घायल मिष्ठी के परिवार पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मिष्ठी के पिता अमरेश साहनी दुबई में रहते हैं। हादसे की सूचना मिलने के बाद वह फोन पर पल-पल की जानकारी लेते रहे। मां शोभा अस्पताल में बेटी के इलाज के बीच उसके ठीक होने की दुआएं कर रही है। घर में मिष्ठी का छोटा भाई दो वर्षीय दिव्यम मां को ढूंढ़ता फिर रहा है।
रेलवे प्रशासन के खिलाफ लोगों में गुस्सा
हादसे के बाद मोहल्ले के लोगों में रेलवे प्रशासन और स्थानीय व्यवस्था को लेकर गुस्सा दिखा। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्रॉसिंग बंद होने के बावजूद वहां न तो पर्याप्त बैरिकेडिंग की गई है और न ही चेतावनी के बोर्ड लगाए गए हैं। दो ट्रेनों के शोर ने सविता और बच्चों को भ्रमित कर दिया। यदि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो शायद यह हादसा नहीं होता।
हादसे में गंभीर रूप से घायल मिष्ठी के परिवार पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मिष्ठी के पिता अमरेश साहनी दुबई में रहते हैं। हादसे की सूचना मिलने के बाद वह फोन पर पल-पल की जानकारी लेते रहे। मां शोभा अस्पताल में बेटी के इलाज के बीच उसके ठीक होने की दुआएं कर रही है। घर में मिष्ठी का छोटा भाई दो वर्षीय दिव्यम मां को ढूंढ़ता फिर रहा है।
रेलवे प्रशासन के खिलाफ लोगों में गुस्सा
हादसे के बाद मोहल्ले के लोगों में रेलवे प्रशासन और स्थानीय व्यवस्था को लेकर गुस्सा दिखा। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्रॉसिंग बंद होने के बावजूद वहां न तो पर्याप्त बैरिकेडिंग की गई है और न ही चेतावनी के बोर्ड लगाए गए हैं। दो ट्रेनों के शोर ने सविता और बच्चों को भ्रमित कर दिया। यदि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो शायद यह हादसा नहीं होता।