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UP: ट्रेन में गूंजी किलकारी..प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने दिया बेटी को जन्म- आधे घंटे खड़ी रही ट्रेन
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Mon, 15 Dec 2025 11:52 AM IST
सार
रविवार को करीब दो बजे ट्रेन जब बस्ती से आगे बढ़ी तो ट्रेन एस-1 कोच में 43 नंबर बर्थ पर सवार बलिया के जगदेवा निवासी ममता देवी को प्रसव पीड़ा होने लगी। पति अजय ने ट्रेन में मौजूद टीटीई को दी। टीटीई की सूचना पर लखनऊ कंट्रोल ने गोरखपुर यात्री मित्र कार्यालय को सूचना दी। यात्री मित्र जयश्याम यादव ने रेल डॉ. सत्य प्रकाश और उनकी टीम को बुला लिया।
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ट्रेन कि बोगी में बच्ची को दिया जन्म, माँ ममता और नवजात बेटी
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
लखनऊ से आई सरयू-यमुना एक्सप्रेस ट्रेन में रविवार दोपहर बलिया की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। महिला के पति की सूचना पर टीटीई ने गोरखपुर कंट्रोल रूम को सूचना दी। ट्रेन के गोरखपुर पहुंचने पर कोच से यात्रियों को नीचे उतारकर डॉक्टर ने प्रसव कराया। महिला ने बेटी को जन्म दिया, दोनों स्वस्थ थे। करीब आधे घंटे तक ट्रेन खड़ा रही, डॉक्टर से सलाह लेकर महिला और उसका पति बेटी के साथ ट्रेन से रवाना हो गए।
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जानकारी के मुताबिक, सरयू-यमुना एक्सप्रेस को रविवार को डायवर्ट कर अयोध्या की जगह गोरखपुर के रास्ते से चलाया गया। यह ट्रेन अमृतसर से आजमगढ़ के रास्ते जयनगर को जाती है। करीब दो बजे ट्रेन जब बस्ती से आगे बढ़ी तो ट्रेन एस-1 कोच में 43 नंबर बर्थ पर सवार बलिया के जगदेवा निवासी ममता देवी को प्रसव पीड़ा होने लगी।
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इसकी सूचना उनके पति अजय ने ट्रेन में मौजूद टीटीई को दी। टीटीई की सूचना पर लखनऊ कंट्रोल ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के यात्री मित्र कार्यालय पर जानकारी देकर डॉक्टर बुलाने को कहा।
गोरखपुर यात्री मित्र कार्यालय पर मौजूद यात्री मित्र जयश्याम यादव ने रेल डॉ. सत्य प्रकाश और उनकी टीम को बुला लिया। ट्रेन प्लेटफाॅर्म नंबर तीन पर पहुंची तो कोच में जाकर आरपीएफ की महिला जवानों ने यात्रियों को नीचे उतरवाया। इसके बाद डॉक्टर ने चेकअप किया और कोच में ही प्रसव कराया।
गोरखपुर यात्री मित्र कार्यालय पर मौजूद यात्री मित्र जयश्याम यादव ने रेल डॉ. सत्य प्रकाश और उनकी टीम को बुला लिया। ट्रेन प्लेटफाॅर्म नंबर तीन पर पहुंची तो कोच में जाकर आरपीएफ की महिला जवानों ने यात्रियों को नीचे उतरवाया। इसके बाद डॉक्टर ने चेकअप किया और कोच में ही प्रसव कराया।
इस दौरान करीब आधे घंटे तक ट्रेन खड़ी रही। प्रसव के बाद ममता उनके पति अजय और नवजात बेटी के साथ उसी ट्रेन से अपने घर रवाना हो गए। ममता के पति अजय ने कहा कि यात्रा के दौरान उनकी पत्नी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से वे घबरा गए थे लेकिन अन्य यात्रियों ने हिम्मत दी और इसकी सूचना टीटीई को देने को कहा। टीटीई ने डॉक्टर को बुला कर उनकी पत्नी और बेटी की जान बचाई।
आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि जैसे गर्भवती महिला के हालत खराब होने की जानकारी मिली, महिला जवानों को डॉक्टर के साथ भेज दिया गया। सफलता पूर्वक प्रसव कराया गया, महिला ने बेटी को जन्म दिया। उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया लेकिन डॉक्टर से जरूरी दवाएं लेकर वे ट्रेन से ही चले गए।
आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि जैसे गर्भवती महिला के हालत खराब होने की जानकारी मिली, महिला जवानों को डॉक्टर के साथ भेज दिया गया। सफलता पूर्वक प्रसव कराया गया, महिला ने बेटी को जन्म दिया। उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया लेकिन डॉक्टर से जरूरी दवाएं लेकर वे ट्रेन से ही चले गए।