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जंगल कौड़िया फ्लाईओवर: लोड टेस्टिंग में मिला सुरक्षित..आवागमन शुरू
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जंगल कौड़िया फ्लाईओवर की भार की जांच करती मशीन। संवाद
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दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने चार दिनों तक विभिन्न मानकों पर परखने के बाद घोषित किया फिट
संवाद न्यूज एजेंसी
जंगल कौड़िया (गोरखपुर)। गोरखपुर-सोनौली मार्ग स्थित जंगल कौड़िया फ्लाईओवर की लोड टेस्टिंग का काम बृहस्पतिवार को पूरा हो गया है। दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने विभिन्न मानकों पर परखने के बाद फ्लाईओवर को फिट घोषित करते हुए इसे पूरी तरह से सुरक्षित बताया। चार दिन तक भार परीक्षण के कारण तीन लेन बंद थीं, लेकिन बृहस्पतिवार रात से इन पर भी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया।
दरअसल, बीते दिनों फ्लाईओवर के अंडरपास की छत में दरारें आ गई थीं। इससे इलाके में दहशत का माहौल था। लोग अंडरपास से होकर गुजरने से कतरा रहे थे। मामला अफसरों के संज्ञान में आया तो इन दरारों को भरने का काम शुरू हुआ। इसके बाद दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने लोड टेस्ट करने के साथ ही साथ इसके तापमान और कंपन परीक्षण सहित सभी जरूरी जांच की। इसके लिए छत और पिलरों पर कई प्रकार के उपकरण लगाए गए थे। प्राप्त आंकड़ों को हर घंटे रिकॉर्ड किया गया जिसमें सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए हैं।
परियोजना निदेशक एनएचएआई ललित प्रताप पाल ने बताया कि पुलिस चौकी की तरफ वाली तीन लेन का भार सहन क्षमता परीक्षण दिल्ली से आए इंजीनियरों की टीम ने विभिन्न मानकों पर किया। उन्होंने बताया कि फ्लाईओवर की छत पर 80 टन तक भार रखकर विभिन्न मानकों के अनुरूप परीक्षण किया गया। चार दिनों तक चले लोड टेस्टिंग के बाद फ्लाईओवर पूरी तरह सुरक्षित पाया गया।
इससे सिक्सलेन फ्लाईओवर आमजन के लिए पूरी तरह चालू हो जाएगा। उम्मीद है इंटर कॉलेज के तीन लेन का भी भार परीक्षण अब किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर के अगले 15 वर्ष तक रखरखाव की जिम्मेदारी भी कार्यदायी संस्था पीएनसी इंफ्राटेक की है।
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वर्जन
दिल्ली से आई विशेषज्ञाें की टीम ने भार परीक्षण किया है। जांच में यह बात सामने आई है कि फ्लाईओवर की छत मानक अनुरूप भार सह सकती है। इससे आवागमन करना बिल्कुल सुरक्षित है।
- ललित प्रताप पाल, परियोजना निदेशक, एनएचएआई।
संवाद न्यूज एजेंसी
जंगल कौड़िया (गोरखपुर)। गोरखपुर-सोनौली मार्ग स्थित जंगल कौड़िया फ्लाईओवर की लोड टेस्टिंग का काम बृहस्पतिवार को पूरा हो गया है। दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने विभिन्न मानकों पर परखने के बाद फ्लाईओवर को फिट घोषित करते हुए इसे पूरी तरह से सुरक्षित बताया। चार दिन तक भार परीक्षण के कारण तीन लेन बंद थीं, लेकिन बृहस्पतिवार रात से इन पर भी वाहनों का आवागमन शुरू हो गया।
दरअसल, बीते दिनों फ्लाईओवर के अंडरपास की छत में दरारें आ गई थीं। इससे इलाके में दहशत का माहौल था। लोग अंडरपास से होकर गुजरने से कतरा रहे थे। मामला अफसरों के संज्ञान में आया तो इन दरारों को भरने का काम शुरू हुआ। इसके बाद दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने लोड टेस्ट करने के साथ ही साथ इसके तापमान और कंपन परीक्षण सहित सभी जरूरी जांच की। इसके लिए छत और पिलरों पर कई प्रकार के उपकरण लगाए गए थे। प्राप्त आंकड़ों को हर घंटे रिकॉर्ड किया गया जिसमें सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए हैं।
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परियोजना निदेशक एनएचएआई ललित प्रताप पाल ने बताया कि पुलिस चौकी की तरफ वाली तीन लेन का भार सहन क्षमता परीक्षण दिल्ली से आए इंजीनियरों की टीम ने विभिन्न मानकों पर किया। उन्होंने बताया कि फ्लाईओवर की छत पर 80 टन तक भार रखकर विभिन्न मानकों के अनुरूप परीक्षण किया गया। चार दिनों तक चले लोड टेस्टिंग के बाद फ्लाईओवर पूरी तरह सुरक्षित पाया गया।
इससे सिक्सलेन फ्लाईओवर आमजन के लिए पूरी तरह चालू हो जाएगा। उम्मीद है इंटर कॉलेज के तीन लेन का भी भार परीक्षण अब किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर के अगले 15 वर्ष तक रखरखाव की जिम्मेदारी भी कार्यदायी संस्था पीएनसी इंफ्राटेक की है।
वर्जन
दिल्ली से आई विशेषज्ञाें की टीम ने भार परीक्षण किया है। जांच में यह बात सामने आई है कि फ्लाईओवर की छत मानक अनुरूप भार सह सकती है। इससे आवागमन करना बिल्कुल सुरक्षित है।
- ललित प्रताप पाल, परियोजना निदेशक, एनएचएआई।