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बीआरडी मेडिकल कॉलेज : प्राइवेट सेंटर चलाने वाली महिलाकर्मी शक के दायरे में
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- चोरी हुए लैपटॉप में दवाओं के स्टॉक और मरीजों का पूरा ब्योरा, पंजीकरण रजिस्टर भी जलाया
संवाद न्यूज एजेंसी
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में संचालित नशामुक्ति केंद्र (ओएसटी) में मंगलवार रात हुई चोरी ने विभागीय कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र से जुड़े एक स्टाफ की ओर से संचालित प्राइवेट सेंटर भी जांच के दायरे में है।
चोरी हुए लैपटॉप में नशामुक्ति केंद्र की दवाओं के स्टॉक का रिकॉर्ड, प्रतिदिन आने वाले मरीजों का डेटा और अन्य महत्वपूर्ण विवरण सुरक्षित थे। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन रजिस्टर को भी जला दिया गया है। अनुमान जताया जा रहा है कि चोरी का मुख्य उद्देश्य दवाओं को गायब करना था, क्योंकि इनकी मार्केट में भारी मांग है। नशामुक्ति केंद्र में उपयोग की जाने वाली दवाएं केवल सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं, जबकि प्राइवेट सेंटरों में इन दवाओं का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है और इसके बदले मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती है। केंद्र में तीन बार हो चुकी चोरी की घटनाओं ने किसी बड़े भ्रष्टाचार को छिपाने की आशंका को बल मिला है।
इस संंबंध में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि मामले की गहन जांच कराई जा रही है। विभागाध्यक्ष को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बाहर और भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जल्द ही आरोपी को चिह्नित कर लिया जाएगा।
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सूचना देने वाले को पांच हजार का इनाम
नोडल अधिकारी डॉ. हयात खान ने चोरी करने वाले की सूचना देने पर पांच हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
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संवाद न्यूज एजेंसी
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में संचालित नशामुक्ति केंद्र (ओएसटी) में मंगलवार रात हुई चोरी ने विभागीय कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र से जुड़े एक स्टाफ की ओर से संचालित प्राइवेट सेंटर भी जांच के दायरे में है।
चोरी हुए लैपटॉप में नशामुक्ति केंद्र की दवाओं के स्टॉक का रिकॉर्ड, प्रतिदिन आने वाले मरीजों का डेटा और अन्य महत्वपूर्ण विवरण सुरक्षित थे। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन रजिस्टर को भी जला दिया गया है। अनुमान जताया जा रहा है कि चोरी का मुख्य उद्देश्य दवाओं को गायब करना था, क्योंकि इनकी मार्केट में भारी मांग है। नशामुक्ति केंद्र में उपयोग की जाने वाली दवाएं केवल सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं, जबकि प्राइवेट सेंटरों में इन दवाओं का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है और इसके बदले मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती है। केंद्र में तीन बार हो चुकी चोरी की घटनाओं ने किसी बड़े भ्रष्टाचार को छिपाने की आशंका को बल मिला है।
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इस संंबंध में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि मामले की गहन जांच कराई जा रही है। विभागाध्यक्ष को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बाहर और भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जल्द ही आरोपी को चिह्नित कर लिया जाएगा।
सूचना देने वाले को पांच हजार का इनाम
नोडल अधिकारी डॉ. हयात खान ने चोरी करने वाले की सूचना देने पर पांच हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।