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बुद्ध की धरती का 'कालानमक' विश्व में फैलाएगा सुगंध, इसकी खासियत जानकर हो जाएंगे हैरान

अमर उजाला नेटवर्क, सिद्धार्थनगर। Published by: vivek shukla Updated Thu, 28 Jan 2021 02:38 PM IST
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Kalanamak rice Branding in Buddhist countries Special news
कालानमक चावल। (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला।

खुशबू और स्वाद के लिए मशहूर कालानमक चावल अब दक्षिणपूर्व एशिया के बौद्ध देशों में अपनी महक बिखेरेगा। इन देशों में इस चावल की ब्रांडिंग महात्मा बुद्ध के चावल के रूप में की जा रही है। प्रदेश सरकार ने दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में कालानमक की ब्रांडिंग के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की है। बौद्ध देशों में इस चावल को महात्मा बुद्ध द्वारा भिक्षुओं को प्रसाद के रूप में दान किए गए चावल के रूप में पेश किया जाएगा।

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प्रदेश सरकार ने एक जिला, एक उत्पाद के तहत सभी जिलों के विशिष्ट उत्पादों की ब्रांडिंग का काम शुरू किया है। काला नमक चावल की पैदावार के लिए महात्मा बुद्ध की कर्मस्थली सिद्धार्थनगर का चयन हुआ है। कालानमक चावल को बौद्ध अनुयायी बहुल देशों में महात्मा बुद्ध की उक्ति ‘इस चावल की विशिष्ट महक हमेशा लोगों को मेरी (महात्मा बुद्ध की) याद दिलाएगी’ के साथ प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है।
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 तथागत ने यह बात उस समय कही थी जब उन्होंने कालानमक चावल को प्रसाद के रूप में वितरित किया था। विदेशों में चावल की ब्रांडिंग के लिए सरकार ने 1:35 मिनट की डॉक्यूमेंट्री और प्रचार सामग्री भी तैयार करवाई है। डॉक्यूमेंट्री के जरिए कोरिया, चीन, जापान, म्यांमार, कंबोडिया, मंगोलिया, वियतनाम, थाईलैंड, श्रीलंका और भूटान आदि शामिल किए गए हैं।

 

कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निर्माण कार्य तेज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जिले के बांसी क्षेत्र के मदुवापुर गांव में कॉमन फैसिलिटी सेंटर का शिलान्यास किए जाने के बाद सरकार ने पहली किस्त के रूप में 1.33 करोड़ रुपये अवमुक्त भी कर दिए हैं। कालानमक के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने सिद्धार्थनगर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) के निर्माण की घोषणा की थी। 6.96 करोड़ रुपये की इस सीएफसी के निर्माण से आसपास के जिलों के लाखों किसानों को फायदा होगा।

किसानों को प्रोत्साहित करने को बनी लिमिटेड कंपनी
कालानमक चावल की महक और मिठास ऐसी रही कि यह लोगों के लिए यह खास हो गया। बावजूद इसके किसानों को सीधे तौर पर इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। किसानों की सहूलियत दिलाने के लिए शिवांश सिद्धार्थनगर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोडक्शन लिमिटेड कंपनी नामित की गई।

जिले के तहसील और ब्लॉक मुख्यालय पर केंद्र खोला जाएगा। इन केंद्रों पर किसान अपना धान बेचने के साथ-साथ उन्नतशील बीज भी खरीद सकेंगे। इस फर्म में धान की कुटाई से लेकर चावल की पैकिंग कर बीज तैयार करने का अत्याधुनिक सिस्टम रहेगा। इसके साथ ही बीज की बिक्री करेंगे। बताया जाता है कि यह फर्म सिंगापुर में कालानमक चावल भेज चुकी है।

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