सब्सक्राइब करें

मौनी अमावस्या: हर घाट पर उमड़ी 'प्रयागराज' जैसी भीड़, राप्ती नदी पर कुछ ऐसा रहा नजारा

डिजिटल न्यूज डेस्क, गोरखपुर Published by: विजय जैन Updated Fri, 24 Jan 2020 10:11 PM IST
विज्ञापन
Mauni Amavasya: crowd of devotees gathered Gorakhpur like Prayagraj
मौनी अमावस्या पर राजघाट राप्ती नदी के घाट पर स्नान ध्यान करते श्रद्धालु। - फोटो : अमर उजाला
माघ मास की अमावस्या (मौनी अमावस्या) पर आज प्रयागराज स्थित संगम में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं, गोरखपुर और आसपास के जिलों में भी नदी किनारों पर नजारा देखने लायक था। जो श्रद्धालु आज प्रयागराज नहीं जा पाए, उन्होंने भी अपने घर के आसपास स्थित नदी में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त किया। अधिकांश जगह तो नदियों पर आज काफी भीड़ उमड़ी दिखाई दी।


गोरखपुर: राप्ती नदी में उमड़े श्रद्धालु

गोरखपुर में श्रद्धालुओं ने राप्ती नदी सहित आसपास के पवित्र सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई और दान-पुण्य किया। महिलाओं ने गंगा मइया के नाम से कड़ाही भी चढ़ाई। श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण व्रत की कथा सुनी और गाय की बछिया का दानकर मंगल कामना की। ब्रह्म मुहूर्त में ही श्रद्धालु राप्ती नदी के राजघाट तट पर पहुंचने लगे।
Trending Videos
Mauni Amavasya: crowd of devotees gathered Gorakhpur like Prayagraj
राजघाट राप्ती नदी में स्नान करते लोग - फोटो : अमर उजाला
समूहों में गंगा मइया की जय बोलते हुए श्रद्धालुओं ने मंगल गीत गाते हुए पवित्र नदी में प्रवेश किया। राप्ती के दोनों तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मौन होकर स्नान-दान किया और तिल का लड्डू ग्रहण किया। पुरोहित गाय की बछिया के साथ राप्ती तट पहुंचे थे। उन्होंने श्रद्धालुओं को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बछिया का दान कराया। राप्ती नदी के आसपास के सभी रास्ते श्रद्धालुओं से खचाखच भरे थे।

नदी के घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनीं। बुजुर्गों और महिला श्रद्धालुओं ने जहां बछिया दान किया वहीं बच्चों ने राप्ती नदी तट पर लगे मेले का जमकर मजा लिया। पूजन अर्चन के बाद श्रद्धालु तटों पर लगे चना, जलेबी समोसे और पकोड़ों के दुकानों पर पहुंच उनका जायका लिया। मेला में सौंदर्य प्रसाधन व घरेलू सामानों की दुकानें भी सजी थीं।
विज्ञापन
विज्ञापन
Mauni Amavasya: crowd of devotees gathered Gorakhpur like Prayagraj
त्रिवेणी धाम सर्थत नारायणी नदी में मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु। - फोटो : अमर उजाला
महराजगंज: हर-हर गंगे से गूंजा त्रिवेणी धाम, त्रिमुहानी, बैकुंठी और बालाछत्र घाट

मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने त्रिमुहानी, बैकुंठी एवं बालाछत्र घाट पर स्नान दान कर विधि विधान से पूजा अर्चना की। वहीं, नेपाल राष्ट्र के त्रिवेणी, नारायणी नदी के तट पर डुबकी लगाकर सुख शांति की कामना की गई। नवलपरासी स्थित पवित्र गंगा त्रिवेणी धाम में डुबकी लगाने के लिए बृहस्पतिवार को ही श्रद्धालु रवाना हो गए थे।

ठूठीबारी, लक्ष्मीपुर खुर्द, रेगहियां, शीतलापुर, झुलनीपुर, बहुआर, बैठवलियां, गेडहवां, निचलौल, ओडवलियां, हनुमानगंज, जमुईकला, पिपरिहा, मैरी, गडौरा, बेलवा, डिगही,रामनगर, किशुनपुर, डगरुपुर, इटहियां, बरगदवां, परसामलिक व नेपाल के नवलपरासी, महेशपुर, परसौनी, रानीनगर, बेलाटारी, पिपरपाती, दाउन्ने, चोरमारा, वर्दघाट, सूर्यपूरा, बरघाट समेत पड़ोसी राज्य बिहार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी धाम पहुंचे।

पंडित अखिलेश शास्त्री ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन कलियुग का आगमन हुआ था। कलियुग के प्रभाव से बचने के लिए गंगा में मौन रहकर स्नान करने से अधिक पुण्य एवं परिवार को शांति मिलती है। मकर राशि में मौनी अमावस्या का आगमन जब भी होता है, तो सूर्य और चंद्रमा गोचर वश एक साथ होते हैं। मान्यता के अनुसार संपूर्ण शक्ति से भरपूर दिन में मनु ऋषि के जन्म से अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता।
Mauni Amavasya: crowd of devotees gathered Gorakhpur like Prayagraj
भागलपुर में सरयू नदी में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु। - फोटो : अमर उजाला
देवरियाः दिन चढ़ने के साथ स्नान के लिए घाटों पर उमड़े श्रद्धालु    

मौनी अमावस्या पर्व शुक्रवार को देवरिया में परंपरागत ढंग से पूरे भक्तिभाव से मनाया गया। भोर में ही नदी-घाटों का श्रद्धालु जनों ने रुख कर लिया था। भागलपुर कस्बे के सरयू नदी के कालीचरण घाट पर हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान पुण्य किया। कड़ाके के ठंड में भी बलिया, देवसिया, इसारू, जिरासो, रेवली, महलियां, कुंडौली, नरियांव आदि गांवों से आए श्रद्धालुओं ने भोर में पांच बजे से ही नदी में स्नान करना शुरू कर दिया। इसके बाद महिलाओं और बच्चों ने मेले का आनंद लिया।
विज्ञापन
Mauni Amavasya: crowd of devotees gathered Gorakhpur like Prayagraj
घाघरा नदी के बिरहट घाट पर स्नान करने के लिए उमड़ी भीड़। - फोटो : अमर उजाला
संतकबीरनगरः श्रद्धालुओं की भीड़ से नटवापुर से बिड़हर घाट दो घंटे जाम

मौनी अमावस्या के अवसर पर सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। इस दौरान नटवापुर से बिड़हर घाट तक जाम लगा रहा। पैदल, साइकिल, बाइक और चार पहिया वाहनों से श्रद्धालुओं का रेला सरयू के बिड़हर घाट की कूच कर रहा था। सरयू के रामबागे, चहोड़ा, मंयदी, चाड़ीपुर समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे।नटवापुर से घाट तक करीब दो घंटे जाम लगने के कारण आने जाने वालो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बिड़हर घाट पर लगे मेले में बच्चे, महिलाएं व पुरुष खरीदारी किए। सरयू नदी के बिड़हर घाट पर स्नान करने आए पंडित रामकृपाल पांडेय ने बताया कि माघ मास में चार प्रमुख स्नान पड़ते हैं। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और पूर्णिमा, जिसमे मौनी अमावस्या का महत्व वेद पुराणों में बताया गया है। इस कारण इस पर्व पर नदियों में स्नान करने का महत्व बढ़ जाता है।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed