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एमएमएमयूटी: दिसंबर में भी तैयार नहीं हो पाएगा पूर्वांचल का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम- जानिए कब हुआ था शिलान्यास

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: गोरखपुर ब्यूरो Updated Mon, 01 Dec 2025 11:46 AM IST
सार

शुरुआत में ऑडिटोरियम के लिए 917.16 लाख रुपये की सबसे कम बोली लगाकर यूपी सिडको ने यह टेंडर अपने नाम किया था। अगस्त 2018 में इसकी पुनरीक्षित लागत बढ़कर 1488.27 लाख रुपये की गई। इनमें कई नए काम भी जोड़े गए। बजट जारी होने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका।

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In Gorakhpur MMMUT, Purvanchal's largest auditorium will not be ready even in December.
एमएमएमयूटी में शिलान्यास के समय लगा पत्थर - फोटो : अमर उजाला
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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बन रहा पूर्वांचल का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम दिसंबर में भी तैयार नहीं हो पाएगा। कार्यदायी संस्था यूपी सिडको अब मार्च तक का समय मांग रही है। कुल 2000 क्षमता वाले इस ऑडिटोरियम का शिलान्यास जुलाई 2015 में हुआ था। वर्ष 2018 तक कार्य करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 10 साल में भी यह तैयार नहीं हो सका है।
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वर्ष 2015 में एमएमएमयूटी में 2000 क्षमता का ऑडिटोरियम बनाने की घोषणा तत्कालीन प्रदेश सरकार ने की थी। कुलपति आवास के पीछे के हिस्से को इसके लिए चिह्नित किया गया था। दो जुलाई 2015 को तत्कालीन कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने इसका शिलान्यास किया था।
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ऑडिटोरयम में एक साथ 2000 लोग बैठ सकेंगे, इसे लेकर हर जगह उत्साह था लेकिन समय बीतने के साथ ही ठंडा पड़ गया। कार्यदायी संस्था आगे के कार्य कराने के लिए पैसे मांगती रही और प्रशासन किए गए कार्य का हिसाब। ऑडिटोरियम की बिल्डिंग खड़ी हो गई लेकिन अंदर की फिनिशिंग समेत कई कार्य नहीं हो सके।

साढ़े चार करोड़ रुपये से हो रहे ये कार्य
शासन से अप्रैल में 4.5 करोड़ रुपये अवमुक्त होने के बाद शेष कार्यों के लिए तेजी लाई गई थी। फायर स्प्रिंकल सिस्टम, स्टेज, विद्युतीकरण, फॉल सीलिंग, सेंट्रलाइज्ड एसी, फिनिशिंग, लाइट एंड साउंड, बाउंड्री वॉल, पेंटिंग, एल्यूमीनियम वर्क, दो लिफ्ट, खड़ंजा और पार्किंग एरिया आदि के कार्य हो रहे हैं या होने हैं।

10 वर्षों में तीन गुना बढ़ा बजट
शुरुआत में ऑडिटोरियम के लिए 917.16 लाख रुपये की सबसे कम बोली लगाकर यूपी सिडको ने यह टेंडर अपने नाम किया था। अगस्त 2018 में इसकी पुनरीक्षित लागत बढ़कर 1488.27 लाख रुपये की गई। इनमें कई नए काम भी जोड़े गए। बजट जारी होने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका।

अब इसकी पुनरीक्षित लागत 2376.41 लाख रुपये (जीएसटी सहित) हो गई है। इनमें से करीब साढ़े 19 करोड़ रुपये अवमुक्त हो चुका है। इसके अलावा 2000 कुर्सियों के लिए भी 273 लाख रुपये अलग से मिलने हैं।

विभिन्न कार्यों के लिए लगभग चार करोड़ रुपये शासन से और मिलने हैं। पैसा मांगा गया है। अगले कुछ दिनों में शेष पैसा मिल गया तो मार्च तक कार्य पूरा करा लिया जाएगा। इसके अलावा कुर्सियों के लिए भी 273 लाख रुपये मिलने हैं: मनोज कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर, यूपी सिडको

ऑडिटोरियम पूरी तरह से तैयार करने के लिए दिसंबर तक का टारगेट दिया गया था। अभी कई कार्य शेष हैं। शासन भी इसकी लगातार समीक्षा कर रहा है। कार्यदायी संस्था कार्य पूरा करने के लिए और समय मांग रही है: प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमएमयूटी
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