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दवा देकर करा दिया गर्भपात: बिना बीमारी के ससुरालियों ने लगा दिया नस सूखने का इंजेक्शन, 6 माह पहले हुई थी शादी

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: रोहित सिंह Updated Mon, 01 Dec 2025 01:09 PM IST
सार

शादी के चार दिन बाद ही पति और ननद उसे मुंबई ले गए, जहां बताया गया था कि उसके पति लीलावती अस्पताल में सरकारी नौकरी करते हैं। इसी विश्वास में पीड़िता के पिता ने करीब 20 लाख रुपये तक खर्च कर दिए।

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In Gorakhpur, in-laws injected a married woman and forced her to undergo abortion.
दहेज प्रताड़ना पर केस दर्ज।(प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कैंपियरगंज थाना क्षेत्र की निवासी नवविवाहिता शशि यादव ने पति, ननद और ससुराल पक्ष के लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाने में तहरीर दी है। इसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता का आरोप है कि दहेज में कम वस्तुएं मिलने से नाराज ससुरालियों ने उसके साथ लगातार मारपीट की, जबरन नस सूखने का इंजेक्शन लगाया और दवाएं देकर उसका गर्भ भी गिरवाया।

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पीड़िता शशि यादव के अनुसार, उसकी शादी एक मई 2025 को जितेंद्र यादव से हुई थी। विवाह के बाद उसके मायके वालों ने पांच लाख रुपये नकद, पल्सर मोटरसाइकिल, सोना-चांदी के जेवर, फर्नीचर, घरेलू सामान और करीब दो लाख रुपये का अन्य सामान दिया था। 

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शादी के चार दिन बाद ही पति और ननद उसे मुंबई ले गए, जहां बताया गया था कि उसके पति लीलावती अस्पताल में सरकारी नौकरी करते हैं। इसी विश्वास में पीड़िता के पिता ने करीब 20 लाख रुपये तक खर्च कर दिए। पीड़िता के अनुसार, कुछ ही दिनों बाद पति जितेंद्र यादव, ननद माया और ससुराल के अन्य लोग दहेज कम लाने का ताना देने लगे।

आरोप है कि पति ने बिना बीमारी के उसे ‘’नस सूखने’’ का इंजेक्शन लगाया और ननद माया ने गर्भपात कराने वाली दवा जबरन खिलाई, जिससे उसका गर्भ खराब हो गया। विरोध करने पर उसे चार पहिया वाहन लाने का दबाव दिया गया और लगातार मारपीट की गई।

पीड़िता ने बताया कि 28 जुलाई 2025 को उसे मारपीट कर उसके ससुराल स्थित बंदोह बनोहिया गांव भेज दिया गया, जहां उसने अपनी पीड़ा ससुराल के अन्य सदस्यों को बताई लेकिन उल्टा उसे ही दोषी ठहराते हुए कार लाने की मांग दोहराई गई। तबीयत बिगड़ने पर उसने पिता को जानकारी दी।

29 जुलाई को पिता जब उसे लेने पहुंचे तो ससुराल वालों ने उसका सारा जेवर और सामान रोक लिया और केवल पहने हुए कपड़ों में ही उसे मायके भेज दिया।

पीड़िता को पीपीगंज में डॉ. रीमा गोयल के पास ले जाया गया, जहां जांच के दौरान चिकित्सक ने बताया कि उसकी नसों में कोई बीमारी नहीं थी और उसे गलत इंजेक्शन दिया गया था। स्वास्थ्य सुधरने के बाद पीड़िता ने पूरी घटना की सूचना पुलिस को दी। महिला थाने की निरीक्षक प्रभा ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर कॉल डिटेल, चिकित्सीय रिपोर्ट एवं बयान के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है।
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