फिल्मी स्टाइल में पुलिस ने अपहृत ओला ड्राइवर को कराया मुक्त, ऐसे पकड़े गए आरोपी
जानकारी के मुताबिक सोनभद्र जिले के राबर्टसगंज करारी गांव निवासी धनेश कुमार पादरी बाजार इलाके में पिछले छह साल से किराए पर कमरा लेकर रहते हैं। धनेश छह बच्चों के पिता हैं। धनेश स्वयं तथा उनके दो अन्य बेटे भी गाड़ी चलाते हैं। धनेश ने लोन पर एक गाड़ी लेकर उसे ओला में लगवाया है। उस गाड़ी को वह खुद ही चलाते थे।
धनेश की पत्नी निशा ने नौ फरवरी को पुलिस को सूचना दी। फिर पिपराइच ने छानबीन शुरू की और आरोपितों को पकड़ कर ओला चालक को मुक्त कराया। निशा ने बताया कि छह फरवरी की सुबह उनके पति सब्जी लेकर घर आए, कहा नाश्ता बनाओ, अभी आ रहे हैं। उसके बाद वह लौटे नहीं। एक घंटे बाद फोन किया तो उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था। वह परेशान हुईं तो बड़े बेटे रोहित ने बताया कि गाड़ी लेकर कहीं दूर गए होंगे और चार्ज न होने से मोबाइल फोन बंद हो गया होगा। दो दिन तक इसी तरह से कट गए।
आठ फरवरी की सुबह दस बजे निशा के मोबाइल फोन पर धनेश के नंबर से कॉल आई। बेटे रोहित ने फोन उठाया। कॉल करने वाले ने कहा कि अपनी मम्मी से बात कराओ। निशा ने बात की तो कॉल करने वाले ने कहा कि उसका पति उनके कब्जे में है। कहा कि पति चाहिए तो तीन लाख रुपये की व्यवस्था करो। निशा के कहने पर उन्होंने धनेश से बात कराई। सहमे धनेश कह रहे थे कि मुझे बचा लो। उसके बाद अपहर्ताओं ने मोबाइल फोन छीन लिया। आठ फरवरी की रात में 11 बजे फिर कॉल आई तो निशा ने कहा कि रकम की व्यवस्था की जा रही है।
पुलिस ने आरोपितों को ऐसे दबोचा
धनेश के अपहरण से परेशान पत्नी नौ फरवरी को शाहपुर थाने पर गई। वहां से उनको पिपराइच थाने जाने को कहा गया। बेटे के साथ निशा पिपराइच थाने गई। पुलिस से फरियाद कर ही रही थी कि उसी दौरान मोबाइल पर आरोपितों की कॉल आई। निशा ने उसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपित को पकड़ने के लिए निशा से कहलवाया कि ढाई लाख रुपये की व्यवस्था हो गई। अपहर्ताओं ने जीयनपुर चौराहे पर रकम के साथ बुलाया। साथ ही पुलिस को सूचना न देने की धमकी भी दी। निशा रोडवेज बस से आजमगढ़ गई और जीयनपुर स्टेशन पर पहुंची तो रात हो गई।
बस स्टेशन से ही उसने उस नंबर पर कॉल की। उधर, पिपराइच पुलिस ने जीयनपुर पुलिस को जानकारी दे दी थी। दोनों थानों की पुलिस ने कुछ दूरी पर घेराबंदी कर ली। बाइक से दो युवक रकम लेने आए, जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि धनेश को एक फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा गया था। दोनों युवकों को लेकर फार्म हाउस पर पुलिस ने छापा डालकर धनेश को मुक्त कराने के साथ ही एक व्यक्ति को हिरासत में लिया। उसके पास से दो असलहे बरामद हुए।
पकड़ा गया व्यक्ति फार्म हाउस मालिक का भाई बताया जा रहा है। फार्म हाउस मालिक का नाम आने पर पहले तो जीयनपुर पुलिस वहां जाने से कतराने लगी, बाद में जब पहुंची तो एक अफसर ने अपहर्ताओं का बचाव किया। अफसर ने बताया कि लेनदेन का मामला है। धनेश ने रकम ली थी, जिस वजह से उसे पकड़ा गया था। हालांकि निशा का कहना है कि उनके पति ने किसी से रकम नहीं ली थी, अपहर्ता झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने फिरौती मांगी, उसकी रिकार्डिंग भी है।