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Gorakhpur News: खिड़कियों के शीशे जाम, यात्री झेल रहे सर्द हवा के झोंके
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अनुबंधित बसों में फाग लाइट व वाइपर का नहीं है इंतजाम
माघ मेले की तैयारी में जुटा डिपो, मेंटेनेंस पर नजर नहीं
महराजगंज। तीन जनवरी से प्रयाग में होने जा रहे माघ मेले की तैयारी में डिपो प्रशासन जुटा है। महाकुंभ की तर्ज पर अधिक से अधिक सामान्य व नानस्टाप सेवाओं की तैयारी की जा रही है। लेकिन बसों के जरूरी इंतजाम की फिक्र नहीं है। अधिकतर बसों में यात्री असुविधा झेल कर यात्रा कर रहे हैं। सर्वाधिक समस्या अनुबंधित बसों में बनी हुई है।
महराजगंज डिपो में कुल 76 बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। अगले माह से माघ मेला शुरू हो रहा है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को पहुंचाने की तैयारी तो डिपो ने राज्य व क्षेत्रीय प्रबंधक के निर्देश पर प्रभावी कर दी हैं। लेकिन बसों के मेंटीनेंस पर नजर नहीं है। अधिकतर बसों में खिड़की के शीशे पूरी तरह से जाम हैं। शीशे अगर खुले हैं तो बंद नहीं होते और बंद हैं तो खुलते ही नहीं। कुछ बस तो ऐसे हैं जिनमें चालक के बगल की खिड़की भी नहीं लॉक नहीं होता। ऐसी बसों के चलने पर पूरे बस के यात्री सर्द हवाओं से ठिठुरते रहते हैं। कुछ अनुबंधित बसों में फॉग लाइट का भी इंतजाम नहीं है। यह बसें कोहरे में कैसे चलेंगी, इसकी चिंता जिम्मेदारों को नहीं है। अनुबंधित बसों के फ्रंट मिरर पर वाइपर नहीं है। इससे कोहरे भरी सड़क पर थोड़ी दूर चलने के बाद ही इनके शीशे को साफ करना पड़ता है।
वर्जन
डिपो की बसों में क्या दिक्कत है इसकी जांच वर्कशॉप में कराने व सही कराने के निर्देश सभी चालकों को हैं। डिपो की अधिकतर बस नई हैं उनमें दिक्कत नहीं है। अनुबंधित बसों में इंतजाम के लिए वाहन स्वामियों को नोटिस दी जाएगी।
-सर्वजीत वर्मा, एआरएम
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माघ मेले की तैयारी में जुटा डिपो, मेंटेनेंस पर नजर नहीं
महराजगंज। तीन जनवरी से प्रयाग में होने जा रहे माघ मेले की तैयारी में डिपो प्रशासन जुटा है। महाकुंभ की तर्ज पर अधिक से अधिक सामान्य व नानस्टाप सेवाओं की तैयारी की जा रही है। लेकिन बसों के जरूरी इंतजाम की फिक्र नहीं है। अधिकतर बसों में यात्री असुविधा झेल कर यात्रा कर रहे हैं। सर्वाधिक समस्या अनुबंधित बसों में बनी हुई है।
महराजगंज डिपो में कुल 76 बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। अगले माह से माघ मेला शुरू हो रहा है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को पहुंचाने की तैयारी तो डिपो ने राज्य व क्षेत्रीय प्रबंधक के निर्देश पर प्रभावी कर दी हैं। लेकिन बसों के मेंटीनेंस पर नजर नहीं है। अधिकतर बसों में खिड़की के शीशे पूरी तरह से जाम हैं। शीशे अगर खुले हैं तो बंद नहीं होते और बंद हैं तो खुलते ही नहीं। कुछ बस तो ऐसे हैं जिनमें चालक के बगल की खिड़की भी नहीं लॉक नहीं होता। ऐसी बसों के चलने पर पूरे बस के यात्री सर्द हवाओं से ठिठुरते रहते हैं। कुछ अनुबंधित बसों में फॉग लाइट का भी इंतजाम नहीं है। यह बसें कोहरे में कैसे चलेंगी, इसकी चिंता जिम्मेदारों को नहीं है। अनुबंधित बसों के फ्रंट मिरर पर वाइपर नहीं है। इससे कोहरे भरी सड़क पर थोड़ी दूर चलने के बाद ही इनके शीशे को साफ करना पड़ता है।
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डिपो की बसों में क्या दिक्कत है इसकी जांच वर्कशॉप में कराने व सही कराने के निर्देश सभी चालकों को हैं। डिपो की अधिकतर बस नई हैं उनमें दिक्कत नहीं है। अनुबंधित बसों में इंतजाम के लिए वाहन स्वामियों को नोटिस दी जाएगी।
-सर्वजीत वर्मा, एआरएम