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Cough syrup racket:लैबोरेट-आर्पिक फार्मा ने तस्करी की 80 लाख नशीले सिरप की बोतलें, कंपनियों के संचालक फरार

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: रोहित मिश्र Updated Mon, 29 Dec 2025 07:59 AM IST
सार

Cough syrup in UP: प्रदेश में नशीले कफ सिरप की तस्करी के मामले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में दो और कंपनियों का नाम सामने आया है।

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Cough syrup racket: Laborate-Arpic Pharma smuggled 8 million bottles of narcotic syrup, company operators absc
कफ सिरप - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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प्रदेश में नशीले कफ सिरप की तस्करी के मामले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) की जांच में सामने आया है कि एबॉट फार्मास्युटिकल्स कंपनी की तरह लैबोरेट फार्मा और आर्पिक फार्मा ने भी 80 लाख कफ सिरप की बोतलें बेची थीं, जिसे बाद में बांग्लादेश में तस्करी के लिए भेज दिया गया। हालांकि आर्पिक फार्मा को छोड़कर बाकी कंपनियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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दरअसल, एफएसडीए बीते एक वर्ष से नशीले कफ सिरप की तस्करी के सुराग तलाश रही थी। जांच में तीन कंपनियों एबॉट फार्मा, लैबोरेट फार्मा और आर्पिक फार्मा द्वारा बड़े पैमाने पर कफ सिरप की बिक्री करने के पुख्ता प्रमाण हाथ लगे थे। हिमाचल प्रदेश की एबॉट फार्मा ने 2.24 करोड़ फेंसेडिल कफ सिरप की बोतलें बेची थीं। इसी तरह हिमाचल के पोंटा साहिब स्थित लैबोरेट फार्मा ने एस्कॉफ सिरप की 73.16 लाख और अहमदाबाद की आर्पिक फार्मा ने फेंसेपिक सिरप की 14.54 लाख बोतलें बेच डालीं। 
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जब एफएसडीए के अधिकारियों ने पूरे मामले की तह तक जाने के लिए सिरप खरीदने वाली फुटकर फर्मों की पड़ताल शुरू की तो अधिकांश अपने पते पर नहीं मिलीं। कुछ फर्में स्थायी रूप से बंद मिलीं। पूछताछ में सामने आया कि ये फर्में कभी संचालित ही नहीं हुई हैं। कई फर्मों की जांच में वहां केवल टेबिल और कुर्सी मिली और दवाओं का अता-पता नहीं था। इनका इस्तेमाल केवल सिरप के बिलिंग प्वाइंट के लिए हो रहा था, जबकि पूरा माल बांग्लादेश और नेपाल में तस्करी किया जा रहा था। इसके बाद एफएसडीए की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलों में कंपनियों और फर्मों के खिलाफ एफआरआई दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो गया।

हिमाचल और उत्तराखंड में हो रहा निर्माण

जांच में सामने आया कि कोडीनयुक्त कफ सिरप का निर्माण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में एबॉट फार्मा द्वारा फेंसेडिल और न्यू फेंसेडिल, उत्तराखंड में शुभम रेमेडीज, जान्या बायोकेयर और ग्लोबल फार्मा द्वारा फेंसेपिक व फेंसेपिक-टी, हिमाचल में थ्री बी हेल्थकेयर द्वारा रेक्सले टी, लायकारेक्स टी, कोडिवा, एककोरेस, हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब और हरियाणा के पानीपन में लैबोरट फार्मा द्वारा एस्कफ चॉको एंड कफ रिलीफ, हिमाचल में विंग्स बायोटेक द्वारा ऑनरेक्स और विंग्स फार्मा द्वारा विनक्रेक्स सिरप का उत्पादन करते हैं।

80 आरोपी गिरफ्तार, कंपनियों पर कार्रवाई बाकी
जांच के बाद एसटीएफ और जिला पुलिस ने अब तक 80 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं 161 फर्मों के खिलाफ 79 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अब इन सभी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा 13 लाख से अधिक कोडीनयुक्त कफ सिरप की बोतलें भी बरामद की जा चुकी हैं।
 
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