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डायग्नोस्टिक सेंटर की लापरवाही: गलत रिपोर्ट से डॉ. दंपती को विकृतियों के साथ पैदा हुआ बच्चा, चार माह में मौत
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: भूपेन्द्र सिंह
Updated Mon, 29 Dec 2025 10:39 AM IST
सार
राजधानी में डायग्नोस्टिक सेंटर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गलत रिपोर्ट देने से डॉक्टर दंपती को विकृतियों के साथ बच्चा पैदा हुआ। चार महीने में उसकी मौत हो गई। आगे पढ़ें पूरी खबर...
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child (Demo)
- फोटो : Freepik.com
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विस्तार
राजधानी लखनऊ में महानगर स्थित एक प्रतिष्ठित निजी डायग्नोस्टिक सेंटर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। केंद्र ने प्रसव पूर्व कराई जांच में डॉक्टर दंपती के बच्चे को स्वस्थ बता दिया, जबकि वह जन्मजात विकृतियों से जूझ रहा था। आठवें महीने में दूसरे केंद्र से जांच करवाने पर इसका पता चला, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
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जन्म के चार महीने बाद बच्चे की मौत हो गई। पीड़ित डॉक्टर दंपती ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और नेशनल मेडिकल काउंसिल से शिकायत की है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। राजाजीपुरम निवासी डॉ. मानवी सरकारी चिकित्सक हैं। गर्भावस्था के दौरान गोमतीनगर के कॉर्पोरेट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
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डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने पिछले वर्ष महानगर के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर से कलर डॉप्लर, ईको और टिफा जैसी अहम जांचें करवाईं। निजी केंद्र ने अपनी सभी रिपोर्टों में गर्भ में पल रहे बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ बताया।
गर्भावस्था के आठवें महीने में डॉ. मानवी ने दूसरे केंद्र से अल्ट्रासाउंड कराया तो गर्भस्थ शिशु में कई विकृतियों का पता चला। दोबारा जांच कराने पर भी इसकी पुष्टि हुई कि बच्चे के अंगों में खामियां हैं। पांच अगस्त को जन्मे बच्चे का एक हार्ट वॉल्व नहीं था। इसके अलावा कई अंग पूरी तरह विकसित नहीं थे। 15 दिसंबर को बच्चे ने दम तोड़ दिया। पिता डॉ. अनिल ने डिप्टी सीएम व एनएमसी से लिखित शिकायत की है।
सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी ने पीड़ित डॉक्टर दंपती के बयान दर्ज कर लिए हैं और संबंधित डायग्नोस्टिक सेंटर के डॉक्टरों को साक्ष्यों के साथ तलब किया है।
