गजब का सिस्टम: मैसेज मिल रहे...पर डीएल नहीं, आवेदक काट रहे चक्कर; नई कंपनी के काम न संभाल पाने से फंसी डिलीवरी
राजधानी में 410 आवेदक करीब एक महीने से स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के इंतजार में हैं। वह परिवहन विभाग मुख्यालय में शिकायतें भी कर रहे हैं। नई कंपनी के काम न संभाल पाने से डीएल की प्रिंटिंग व डिलीवरी में देरी हो रही है।
विस्तार
राजधानी लखनऊ में नई कंपनी के ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी कामकाज की जिम्मेदारी संभालने के बाद से आवेदकों की मुसीबत बढ़ गई है। इनके पास डीएल बनने का मैसेज तो आ रहा है, पर इसकी डिलीवरी नहीं मिल रही है। प्रिंटिंग व डिलीवरी में देरी के कारण राजधानी के 410 आवेदक करीब महीने भर से स्थायी डीएल के इंतजार में हैं। आम दिनों में हफ्तेभर में डीएल मिल जाता है। आवेदक शिकायतें लेकर परिवहन विभाग मुख्यालय भी पहुंच रहे हैं।
उदयगंज निवासी विमल यादव ने बताया कि दो दिसंबर को ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कर ली थीं। मोबाइल पर डीएल बनने का मैसेज भी आ गया, लेकिन आज तक मिल नहीं सका है। इसी तरह आशियाना निवासी मनीष भी दो हफ्ते से ड्राइविंग लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उसका कहीं अता-पता नहीं है।
शिकायत करने पर पता चला डीएल डिस्पैच ही नहीं हुआ
इस संबंध में ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ पहुंच रहे आवेदकों को शिकायत दर्ज कराने के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय भेजा जा रहा है। मनीष ने बताया कि मुख्यालय में शिकायत करने पर पता चला कि डीएल डिस्पैच ही नहीं हुआ है।
ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन की स्क्रूटनिंग से लेकर डिस्पैच तक का काम पहले स्मार्ट चिप कंपनी देखती थी। अब यह जिम्मेदारी सिल्वर टच लिमिटेड के पास है, पर वह पूरी तरह कामकाज संभाल नहीं पाई है। इस कारण अकेले लखनऊ में 410 आवेदकों को डीएल नहीं मिल पाए हैं।
कर्मचारियों की लापरवाही आ रही सामने
मंजूरी के बाद डीएल परिवहन विभाग के मुख्यालय भेजे जाते हैं, जहां से स्मार्टकार्ड में डाटा क्लाउड पर अपलोड किया जाता है। इसे की-मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) कहते हैं। केएमएस न होने के कारण डीएल की प्रिटिंग व डिलीवरी फंसी है।
इसमें कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है। अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) सुनीता वर्मा ने कहा कि कार्यदायी संस्था के सुपरवाइजरों को फटकार लगाई गई है। आवेदकों के डीएल जल्द प्रिंट कर देने के लिए कहा गया है।
नवीनीकरण के दो माह बाद भी नहीं मिला डीएल
सरोजनीनगर के त्रिमूर्तिनगर निवासी घनश्याम सिंह का कहना है कि उन्होंने लाइसेंस नवीनीकरण की सभी औपचारिकताएं 10 अक्तूबर को पूरी कर ली थीं। फीस जमा कर प्रार्थनापत्र भी ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में दे दिया, लेकिन दो महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी उन्हें लाइसेंस नहीं मिल सका है।
इस संबंध में जब आरटीओ से बात हुई तो संबंधित एजेंसी को अवगत कराया गया। फिर बताया गया कि सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है। उधर, घनश्याम डीएल के लिए चक्कर काट रहे हैं।
