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PFI Exclusive : काफिरों को मारने के लिए गोली मत चलाना, नहीं तो मामला हाईलाइट हो जाएगा, मीडिया में आ जाएगा

इंद्रभूषण दुबे, अमर उजाला, लखनऊ Published by: लखनऊ ब्यूरो Updated Fri, 30 Sep 2022 09:22 AM IST
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सार

ग्रामीण इलाकों के युवकों, स्कूल व कॉलेज के छात्रों को खतरे में इस्लाम की बात कहकर भड़काया और उनको लड़ाई के लिए तैयार किया। इसके लिए गांव-गांव प्रशिक्षण शिविर लगाया। इसमें मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर प्रमाण पत्र दिया।

PFI EXCLUSIVE : Do not shoot to kill the infidels, otherwise the matter will be highlighted
PFI - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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काफिरों को मारने के लिए गोली न चलाना। नहीं तो मामला हाईलाइट हो जाएगा। मीडिया में आने से पकड़ जाओगे। इससे बचने के लिए घरेलू हथियार, शारीरिक व मानसिक ताकत का इस्तेमाल करो। इससे आसानी से बच निकलोगे। टारगेट किलिंग का यह प्रशिक्षण प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) अपने युवा विंग को देता था। पीएफआई देश में अपनी जड़े जमाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहा था।

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ग्रामीण इलाकों के युवकों, स्कूल व कॉलेज के छात्रों को खतरे में इस्लाम की बात कहकर भड़काया और उनको लड़ाई के लिए तैयार किया। इसके लिए गांव-गांव प्रशिक्षण शिविर लगाया। इसमें मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर प्रमाण पत्र दिया। इसके अलावा घरेलू सामान से हथियार बनाने का प्रशिक्षण भी दिया था। इसके बाद बैठकें करते थे, जहां तकरीरें दी जाती थीं। युवकों को हिंदू संगठनों व देश के खिलाफ भड़काने का काम किया जाता था। हैंडबिल, पोस्टर व सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर लगातार संपर्क रखा जाता था। यह भी संदेश रहता था कि युवक नए लोगों को जोड़ें और शुरूआती ट्रेनिंग दें। सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए पीएफआई मदरसा, धार्मिक शैक्षिक संस्थानों, संप्रदाय व अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से संचालित स्कूल व कॉलेज को निशाना बनाते थे। यहां अपने सदस्यों के जरिये युवकों से संपर्क करते थे।

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प्रशिक्षण के बाद भेजते थे बाहर
प्रशिक्षित युवकों की पूरी कुंडली खंगालने के बाद पीएफआई के प्रदेश व देश के पदाधिकारी उनको एक से दूसरे प्रांत भेजते थे। इनके जरिये लोगों को जोड़ने व प्रशिक्षण का काम कराया जाता था। इसके लिए संगठन ट्रेन व हवाई टिकट के साथ होटलों में ठहरने की व्यवस्था करता था। युवकों को जेब खर्च भी दिया जाता था।

लखनऊ के मेजबान होटल में हुईं कई बैठकें
पीएफआई के उत्तर प्रदेश के सदस्य बैठकें अक्सर लखनऊ में ही करते थे। इसके लिए लाटूश रोड स्थित होटल मेजबान को चुना था। सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में आए सदस्याें ने पूछताछ में इसकी पुष्टि की है कि इस होटल में 50 से अधिक बैठक हुईं। इसमें देश व विदेश के सदस्य शामिल हुए।

खामोश रहे तो कल जुल्म से कोई लड़ने वाला नहीं रहेगा
‘अगर आज भी आप खामोश रहे तो याद रखिए कल को आरएसएस के जुल्म से आपके लिए लड़ने वाला कोई नहीं रहेगा। खास तौर से मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आप जरा नजर उठा कर देखो, पीएफआई के अलावा कौन है जो बिना कौम को बेचे हुए मजबूती से आपकी लड़ाई लड़ रहा है?’ इस तरह के संदेश पीएफआई के सक्रिय सदस्य एक सप्ताह में हुए सुरक्षा एजेंसियों के छापा मारी के दौरान संगठन के लोगों को भेज रहे थे। ताकि भड़काकर प्रदर्शन व हंगामा कराया जा सके। यह सारे मैसेज आरोपियों के मोबाइल से मिले है। सुरक्षा एजेंसियों ने मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। सुरक्षा एजेंसियां एनआईए, एटीएस, एसटीएफ और ईडी 22 सितंबर से पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही हैं। इस दौरान लखनऊ से नौ पदाधिकारी व सक्रिय सदस्य पकड़े गए। सभी के मोबाइल में एक जैसे ही संदेश मिले हैं। इसमें लिखा है कि आज एनआईए व ईडी के जरिए पीएफआई के तमाम नेशनल लीडर्स और कई स्टेट के लीडरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अगर आज भी आप खामोश रहे तो आपके लिए लड़ने वाला कोई नहीं बचेगा।

पीएफआई के सदस्य मोमिन हैं जो वादे को पूर कर रहे
सक्रिय सदस्य ने मोबाइल से संदेश भेजा। इसमें कुरआन का उल्लेख करते हुए लिखा कि ईमान लाने वालों में ऐसे लोग मौजूद हैं, जिन्होंने अल्लाह से किए वादे को पूरा कर दिखाया है। आगे कहा कि ये पीएफआई सदस्य वही मोमिन हैं जिन्होंने अल्लाह से किए हुए वादे को पूरा कर दिया है और कुछ लोग अभी इंतजार कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ऐसे मेसेज हजारों लोगों को बढ़ाये गए थे। हालांकि, अभी इसकी संख्या पुख्ता नहीं है। इसके लिए फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

पीएफआई सदस्यों की तलाश में कैसरबाग के होटल में छापा
पीएफआई के सदस्यों की तलाश में सुरक्षा एजेंसियाें ने कैसरबाग के लाटूश रोड स्थित नामी होटल में बृहस्पतिवार रात को छापा मारा। इस दौरान एसटीएफ, एटीएस और खुफिया विंग के कई अधिकारी मौजूद थे। होटल में करीब एक घंटे तक टीम ने पड़ताल की। फिर यह टीम ओडियन सिनेमा हॉल बिल्डिंग के पास एसडीपीआई के कार्यालय पर गई, जहां दो कर्मचारियों से पूछताछ की और लौट गई। बीकेटी से गिरफ्तार किए गए फैजान, रेहान और सुफियान ने कुबूला था कि पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष व सचिव ने लाटूश रोड स्थित इस होटल में कई बैठकें की थीं। उन लोगों को भी दो-तीन बार बुलाया गया था। इस दौरान संगठन के कई पदाधिकारी भी आए थे। होटल में ही उन्हें कुछ वीडियो दिखाए गए थे। होटल पहुंची सुरक्षा एजेंसी की टीम ने मैनेजर व कर्मचारियों से पीएफआई की मीटिंग के बारे में पूछताछ की। इसके बाद होटल का रजिस्टर जब्त कर लिया।

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