यूपी में मरीजों की मंडी: वेंटिलेटर या हो ऑक्सीजन पर... हर पेशेंट का रेट तय; दलालों के सिंडिकेट से हिला सिस्टम
निजी अस्पताल संचालकों ने राजधानी में मरीजों की मंडी खोल दी है। वेंटिलेटर पर हो या ऑक्सीजन पर, एजेंटों के लिए हर पेशेंट का रेट तय कर रखा है। दलालों के सिंडिकेट से स्वास्थ्य सिस्टम हिल गया है। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। आगे पढ़ें पूरा मामला...
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राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर विस्तार स्थित एक निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की ओर से मरीजों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक चैट के अनुसार, कॉलेज का स्टाफ दलालों को वेंटिलेटर वाले मरीज लाने पर 50 हजार रुपये और ऑक्सीजन वाले मरीज पर 35 हजार रुपये कमीशन देने का लालच दे रहा है।
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में इन दिनों निजी कॉलेजों के एजेंटों का एक सिंडिकेट सक्रिय है। ये एजेंट उन मरीजों को निशाना बनाते हैं जिन्हें ट्रॉमा सेंटर में बेड नहीं मिल पाता, और उन्हें बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं।
सीएमओ ने जांच के आदेश दिए
सूरज कश्यप नामक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है, जबकि डिप्टी सीएम को एक्स पर सूचित किया गया है। सीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं। नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह ने बताया कि वायरल चैट जांच की जा रही है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित कॉलेज के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को पत्र लिखा जाएगा।
एजेंट पर नकेल कसने को पुलिस को भेजा जाएगा पत्र
सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि मरीजों की खरीद-फरोख्त मसले में निजी कॉलेज में लगे आरोप सही मिले तो कार्रवाई की संस्तुति होगी। निजी कॉलेज के एजेंट पर नकेल कसने के लिए पुलिस को पत्र भेजा जाएगा।
संस्थान की सफाई...
जिस स्टाफ की चैट वायरल हुई है, वह हमारे संस्थान में नहीं है। हमारे यहां किसी तरह के मरीजों की खरीद-फरोख्त नहीं होती। आरोप बेबुनियाद हैं। -इंद्रजीत पाल, मैनेजर, बाबू युगराज सिंह आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
