पुलिस स्मृति दिवस: लखनऊ पुलिस लाइन्स में शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि, परिजनों से मिले सीएम योगी
पुलिस स्मृति दिवस पर लखनऊ पुलिस लाइन्स में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके परिजनों से मिलकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

विस्तार
'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा', मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस पर कविता की इसी लाइन से लखनऊ पुलिस लाइन्स का ग्राउंड गूंज उठा। देश सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 186 जवानों को याद करते हुए उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई। सीएम योगी और डीजीपी राजीव कृष्णा ने शहीद जवानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

शोक पुस्तिका के आते ही सम्मान में खड़े हुए सभी लोग
पुलिस लाइन्स के ग्राउंड में सुबह 9.35 बजे परेड खड़ी हुई। परेड को आईपीएस अधिकारी अविनाश पांडेय और किरन यादव ने कमांड किया। परेड में पीएसी, एसडीआरएफ, एटीएस, एसएसएफ, ट्रैफिक पुलिस और सिविल पुलिस की टोलियां थीं। 10 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम में पहुंचे।
इसके बाद शहीदों का नाम लिखी हुई शोक पुस्तिका परेड ग्राउंड में लगाई गई। शोक पुस्तिका को ग्राउंड में लाने की जिम्मेदारी विजिलेंस में तैनात सीओ अभय पांडेय ने संभाली। पुस्तिका के ग्राउंड में आते ही सम्मान में सभी लोग अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए। फिर सीएम ने शहीद स्मारिका पहुंचकर शहीदों की पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।
इस मौके पर ये लोग रहे मौजूद
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंच से संबोधित करते हुए पुलिस विभाग के अच्छे कामों को गिनाया। संबोधन के बाद परेड खत्म हुई और सीएम शहीद जवानों के परिजनों से मिले। इस मौके पर महापौर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद सीएम दिनेश शर्मा, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण, बृजलाल अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष सहित कई सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
देशभर में 186 पुलिसकर्मी हुए शहीद
स्मृति दिवस पर 1 सितंबर 2024 से लेकर 31 अगस्त 2025 के दौरान देशभर में ड्यूटी पर शहीद हुए 186 पुलिसकर्मियों को याद किया गया। शहीदों में सबसे अधिक बीएसएफ के 23 जवान शामिल हैं। वहीं यूपी के तीन पुलिसकर्मी इस अवधि के दौरान शहीद हुए।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश के पांच, अरुणाचल प्रदेश के एक, असम के दो, बिहार के आठ, छत्तीसगढ़ के 16, गुजरात के तीन, झारखंड के एक, कर्नाटक के आठ, केरल के एक, मध्य प्रदेश के आठ, महाराष्ट्र के 1, मणिपुर के तीन, नागालैंड के एक, ओडिशा के दो, पंजाब के तीन, राजस्थान के तीन, तमिलनाडु के छह, तेलंगाना के पांच, त्रिपुरा के 2, उत्तराखंड के चार, पश्चिम बंगाल के 12, चंडीगढ़ के दो, दिल्ली के आठ, जम्मू कश्मीर के 14, लद्दाख के एक असम राइफल्स के 2, सीआईएसएफ के छह, सीआरपीएफ के आठ, आईटीबीपी के पांच, एसएसबी के पांच, एनडीआरएफ के एक, आरपीएफ के नौ जवान शामिल थे।