दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी, दिल्ली की इलेक्ट्रिक वाहन नीति की प्रमुख विशेषताओं में से एक है। लेकिन सरकार ने इसे वापस ले लिया है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी योजना को और आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।
पिछले साल की शुरुआत में शुरू की गई राज्य की ईवी नीति के अनुसार, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में खरीदी गई पहली एक हजार इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी की पेशकश की थी। इलेक्ट्रिक वाहनों को बैटरी क्षमता के मुताबिक 10,000 रुपये प्रति kWh की सब्सिडी मिली, जिसमें लाभ की सीमा 1.5 लाख रुपये प्रति वाहन थी। इन वाहनों का रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ कर दिया गया था। अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए, जिसमें दोपहिया वाहन शामिल हैं, सब्सिडी राशि 5,000 रुपये प्रति kWh बैटरी क्षमता और अधिकतम लाभ 30,000 रुपये प्रति वाहन था।
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EV: दिल्ली में बंद हुई इलेक्ट्रिक कारों की सब्सिडी, सरकार ने बताई यह वजह
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Wed, 03 Nov 2021 12:28 PM IST
सार
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी योजना को और आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैलाश गहलोत ने कहा, "दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट को जरूरत के मुताबिक प्रोत्साहन मिला है। हमारा ध्यान अब इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के दोपहिया, माल ढुलाई और सार्वजनिक परिवहन सेगमेंट का दोहन करने पर है क्योंकि वे दिल्ली के 10 मिलियन (एक करोड़) से अधिक पंजीकृत वाहनों का एक बड़ा हिस्सा हैं। वे निजी कारों की तुलना में सड़क पर अधिक दौड़ते हैं, जिससे ज्यादा प्रदूषण होता है।"
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Tata Nexon EV
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जुलाई और सितंबर के बीच, दिल्ली में इस अवधि के दौरान पंजीकृत कुल 1.5 लाख वाहनों में से 7,869 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ, जो कुल रजिस्ट्रेशन का लगभग सात प्रतिशत है। अगस्त से अक्तूबर के बीच दिल्ली में 22,805 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इससे पिछले चार महीनों में दिल्ली का ईवी पंजीकरण लगभग 31,000 तक पहुंच गया है।

Tata Nexon EV
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रिपोर्ट के हवाले से गहलोत ने कहा, "वास्तव में, ई-कारों के लिए सब्सिडी की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि जो लोग वाहन खरीदने के लिए लगभग 15 लाख रुपये का भुगतान कर सकते हैं, उन्हें इसकी परवाह नहीं होती कि सब्सिडी के बिना लागत 1 से 2 लाख रुपये अधिक हो जाए। हमारा उद्देश्य उन लोगों को सब्सिडी देने है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, और उनमें ऑटो चालक, दोपहिया वाहन मालिक, डिलीवरी पार्टनर आदि शामिल हैं।"
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Revolt RV 400
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गहलोत ने कहा, "हम अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अच्छे नतीजे देख रहे हैं और ऐसे वाहनों को अपनाने की रफ्तार तेज हो रही है। हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दृष्टिकोण के अनुसार दिल्ली को देश की इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी बनाने के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
दिल्ली सरकार ने पिछले साल अगस्त में अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति शुरू की थी। यह देश भर में किसी भी राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पहली फुल ईवी नीति में से एक थी।
दिल्ली सरकार ने पिछले साल अगस्त में अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति शुरू की थी। यह देश भर में किसी भी राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पहली फुल ईवी नीति में से एक थी।