टोयोटा फॉर्च्यूनर, लैंडक्रूजर और इनोवा क्रिस्टा जैसी लग्जरी एसयूवी बनाने वाली टोयोटा किर्लोस्कर ने हाल ही में नया टीवी कर्मशियल निकाला है। इस एड में कहा गया है कि 5 साल इस्तेमाल करने बाद भी टोयोटा की कारों की मार्केट वैल्यू 68 प्रतिशत तक होती है। आइए जानते हैं टोयोटा की कारों की कितनी है रीसेल वैल्यू...
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बड़ी फैमिली कारों में क्रिस्टा बेजोड़
टोयोटा की कारों की रेंज एंट्री लेवल इटियोस हैचबैक से शुरू होती है, जो प्रीमियम एसयूवी लैंडक्रूजर तक जाती है। टोयोटा इनोवा क्रिस्टा भारतीय कार बाजार में काफी पॉपुलर है और सबसे ज्यादा बिकने वाली एमपीवी सेगमेंट की कार है। बड़ी फैमिली कारों में क्रिस्टा का कोई मुकाबला नहीं है। वहीं 6 साल पहले 2013 में टोयोटा इनोवा की एक्स-शोरूम कीमत 12.4 लाख रुपये थी। वहीं यूज्ड कार मार्केट में अच्छी हालत में 82 हजार किमी चली हुई इनोवा की कीमत 9.50 लाख रुपये तक है। अगर देखा जाए जो इनोवा की रीसेल कीमत 68 प्रतिशत से कही ज्यादा है।
टोयाटा फॉर्च्यूनर
प्रीमियम एसयूवी की बात करें, तो फॉर्च्यूनर का कोई जवाब नहीं है। नेताओं से लेकर बिजनेसमैन तक सबकी यह फवेरेट कार है और अपने सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में शामिल है। वहीं फॉर्च्यूनर को 2018 में अपडेट किया गया था और नई फेसलिफ्ट फॉच्यूर्नर क्रोम के ज्यादा इस्तेमाल के चलते ज्यादा स्टाइलिश पॉपुलर है। बावजूद इसके फर्स्ट मॉडल की फॉर्च्यूनर की बहुत डिमांड है। 2013 में फॉर्च्यूनर की कीमत 20 से 21 लाख रुपये थी। वहीं ओल्ड कार बाजार में 46 हजार तक किमी चली हुई फॉर्च्यूनर की कीमत 15.50 लाख रुपये से 17.50 लाख रुपये तक है।
टोयोटा कोरोला अल्टिस
प्रीमियम सेडान टोयोटा अल्टिस की टक्कर ह्यूंदै इलांट्रा, स्कोडा ओक्टाविया और हाल ही में लॉन्च होंडा सिविक के साथ है। वहीं 2011 में टोयोटा कोरोला अल्टिस की कीमत 10.53 लाख से लेकर 14.55 लाख रुपये थी। वहीं 55 हजार किमी तक चली हुई पुरानी अल्टिस कीमत आज भी 10 लाख रुपये के आसपास है।
टोयोटा की सस्ती मैंटिनेंस है वजह
टोयोटा की पुरानी कारों की ज्यादा रीसेल वैल्यू के पीछे वजह है कि लोगों का आज भी टोयोटा में भरोसा है। जैपनीज कार कंपनी टोयोटा में 1997 में भारत आई थी, और तभी से लोगों में टोयोटा को लेकर क्रेज है। इसकी एक वजह यह भी है टोयोटा ग्लोबल ब्रांड है और भारत से लेकर अमेरिका तक में टोयोटा की कारें बेहद पसंद की जाती हैं। इसके साथ ही टोयोटा की सस्ती मेंटीनेंस भी मुख्य वजह है। लाख किमी पूरे करने पर भी टोयोटा के इंजन पर कोई फर्क नहीं पड़ता।