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Mulayam Singh Yadav: 'वचन के पक्के थे नेताजी, एक मांग पर गोरखपुर को दिया तीन ओवरब्रिज का तोहफा’

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Tue, 11 Oct 2022 11:51 AM IST
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Condolences in Gorakhpur on death of former CM and former Defense Minister Mulayam Singh Yadav
9 फरवरी 2011 में डॉ केसी पांडेय के घर जाकर मुलायम सिंह ने उनकी माता के पैर छूकर आशीर्वाद लिए थे। - फोटो : अमर उजाला।

राज्यसभा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (नेता जी) की मृत्यु पर दु:ख व्यक्त किया। उन्हें याद करते हुए कहा कि सिर्फ प्रदेश ने ही नहीं, देश ने बहुत बड़े रणनीतिज्ञ तथा व्यावहारिक समाजवादी राजनेता को खो दिया है। उन्होंने मुलायम सिंह से जुड़े अपने संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि मुलायम अपने वचन के पक्के और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले नेता थे।



धर्मशाला ओवरब्रिज के लोकार्पण के समय हुए विवाद के दौरान उन्होंने नार्मल स्कूल के मैदान में समाजवादी पार्टी की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था- ‘गोरखपुर के विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल जो कुछ भी मांग करेंगे, मैं वो सब पूरा कर दूंगा।’ उनके संबोधन के उनसे लखनऊ में मिलकर 13 सूत्री मांगपत्र दिया तो उन्होंने सभी मांगे मान लीं। इन मांगों में शहर में सूरजकुंड, तरंग तथा मोहद्दीपुर चारफाटक पर तीन ओवरब्रिज के निर्माण की मांग भी शामिल थी ।

 

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राज्यसभा सांसद डॉक्टर आरएमडी अग्रवाल ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक जताया। - फोटो : अमर उजाला।

डॉ राधा मोहन ने कहा कि मुलायम सिंह यादव लोकतांत्रिक मूल्यों में बहुत विश्वास रखते थे और विधानसभा में सभी के विचारों, शिकायतों को बहुत खुले दिल से स्वीकार करते थे। वर्ष 2004 में मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सरकार का जब मैंने आंकड़ों के साथ तथ्यात्मक रूप से कड़े शब्दों में विरोध किया तो, दूसरे दिन अपने जवाब की शुरुआत उन्होंने मेरे ही भाषण पर चर्चा से की थी और खुले शब्दों में विधानसभा में प्रशंसा करते हुए कहा था- ‘अध्यक्ष महोदय, डॉक्टर अग्रवाल अभी सदन में उपस्थित नहीं हैं, लेकिन हमारी बधाई उन तक पंहुचाई जाए।’

...और मुलायम ने बोलने का मौका दिया
राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने मुलायम की राजनीतिक सदाशयता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ के ऊपर आजमगढ़ में हुए हमले के बाद मुख्यमंत्री के रूप में मुलायम सिंह, सदन में बोल रहे थे। उन्हें बोलने से रोकने के लिए, भाषण के बीच में ही अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अकेले विधायक के रूप में मैं वेल में उतर गया और करीब 10 मिनट तक उन्हें बोलने नहीं दिया। उस समय भी उन्होंने राजनीतिक सदाशयता का परिचय दिया और विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय से कहा- डॉक्टर साहब अपनी पार्टी के अकेले विधायक हैं, उन्हें बोलने का अवसर दिया जाए।

 

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2003 में सेंट एंड्रयूज में आयोजित रैली में पहुंचे नेता जी। - फोटो : अमर उजाला।

फरवरी 2014 में हुई थी नेता जी की आखिरी जनसभा
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की गोरखपुर में आखिरी जनसभा आठ साल पहले फरवरी 2014 में हुई थी। मानबेला में हुई इस रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और महासचिव आजम खान भी नेता जी के साथ थे। इस रैली से ठीक पहले पीएम मोदी ने भी मानबेला में रैली की थी। इसी रैली में सपा नेताओं ने मोदी की 56 इंच के सीने वाले चर्चित बयान पर जवाब दिया था। रैली में मोदी पर पर निशाना साधते हुए मुलायम ने कहा था कि- मोदी की सभा पर 100 करोड़ ही नहीं, उससे कहीं ज्यादा पैसा खर्च किया जाता है। मोदी के मंच पर यह पैसा लगाया जाता है। हम तो लोगों से चंदा लेकर रैली के लिए मंच सजाते हैं और दावे के साथ कह सकते हैं कि हमारा मंच मोदी से कहीं ज्यादा अच्छा होता है। इसके कुछ दिनों के अंतर पर ही उन्होंने सेंट एंड डिग्री कॉलेज में भी एक जनसभा को संबोधित किया था। हालांकि, यह जनसभा मानबेला जितनी बड़ी नहीं थी।

 

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गोरखपुर में सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर - फोटो : अमर उजाला।

सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर, अंतिम संस्कार में शामिल होने को हुए रवाना
पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना मिलते ही पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। पार्टी कार्यालय से लेकर सोशल मीडिया तक पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। उधर, दोपहर बाद बड़ी संख्या में सपा नेता-कार्यकर्ता ‘नेताजी’ के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सैफई रवाना हो गए। बेतियाहाता स्थित पार्टी कार्यालय पर निवर्तमान जिलाध्यक्ष अवधेश यादव सहित पार्टी नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए मुलायम सिंह के निधन को अपूरणीय क्षति बताया। पार्टी कार्यालय पर समाजवादी पार्टी का झंडा 3 दिन के लिए झुका दिया गया।

उधर, विधानपरिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुलायम सिंह को मैं करीब से जानता हूं। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ रिश्तों को भी अहमियत देने वाले राजनेता थे। सपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव एक प्रजातांत्रिक ढांचे के स्तंभ थे। वह गरीब किसानों, नौजवानों और मजदूरों के मसीहा थे। वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज के हित में फैसला करते थे।

राष्ट्रीय जनता दल के नेता गौतम लाल श्रीवास्तव ने गहरा दुख: व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। अपना दल (एस) के रेलवे स्टेशन स्थित कैंप कार्यालय पर हुई शोकसभा में श्रद्धांजलि देते हुए पार्टी के रमेश सिंह सैंथवार ने कहा मुलायम सिंह के निधन से एक राजनैतिक युग विलुप्त हो गया। मुलायम, सर्वसमाज के साथ-साथ अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों, नौजवानों, किसानों और महिलाओं के उत्थान के लिए हमेशा काम करते रहे। नरेंद्र श्रीवास्तव, जावेद अंसारी, अनिल पांडेय, राकेश गुप्ता और शैलेंद्र यादव ने कहा कि मुलायम सभी के हृदय में बसने वाले नेता हैं।

राम प्रसाद बिस्मिल पार्क में सपा नेता आफताब एवं विनोद यादव के नेतृत्व में एक श्रद्धांजलि सभा हुई जिसमें कार्यकर्ताओं ने मुलायम के साथ खुद के संस्मरण को साझा करते हुए दु:ख व्यक्त किया।

 

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शिव प्रताप शुक्ला - फोटो : सोशल मीडिया

राजनीति का चमकता सितारा अस्त हो गया : शिव प्रताप
पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मुलायम सिंह के निधन के साथ राजनीति का एक चमकता सितारा आज हमेशा के लिए अस्त हो गया। उनका निधन समस्त राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। वे एक कुशल वक्ता, माहिर राजनेता और सबसे बढ़कर एक बेहतरीन इंसान थे। जो भी एक बार उनसे मिल लिया, वह उनका ही होकर रह जाता था। लोगों को जोड़ने और फिर संबंधों को निभाने के मामले में उनका कोई सानी नहीं था। अद्भुत नेतृत्व क्षमता के बल पर ही वे देश के रक्षा मंत्री और तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। करीब पांच दशक से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव के इर्द-गिर्द ही तीन दशक तक उत्तर प्रदेश की राजनीति घूमती रही।

 

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