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पुलवामा के शहीद पंकज त्रिपाठी की पहली बरसी आज, शहादत पर किए वादे सालभर बाद भी अधूरे

डिजिटल न्यूज डेस्क, महराजगंज। Published by: vivek shukla Updated Fri, 14 Feb 2020 03:05 AM IST
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Martyr Pankaj Tripathi in Pulwama done one year organized shaheed Mela on February 14
शहीद पंकज त्रिपाठी। (फाइल) - फोटो : अमर उजाला।

पुलवामा में शहीद पंकज त्रिपाठी की शहादत को एक वर्ष पूरा हो गया लेकिन उनके परिवार से किए गए वादे अभी भी अधूरे हैं। इसे लेकर शहीद परिवार में मलाल है। पंकज के शहीद होने के बाद बड़े-बड़े वादे हुए, जिनमें से कुछ तो पूरे हुए, लेकिन कुछ अभी भी पूरे नहीं हो पाए हैं।

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Martyr Pankaj Tripathi in Pulwama done one year organized shaheed Mela on February 14
शहीद पंकज त्रिपाठी का घर। - फोटो : अमर उजाला।

फरेंदा क्षेत्र के हरपुर बेलहिया निवासी ओमप्रकाश त्रिपाठी के बेटे पंकज त्रिपाठी 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। जिसके बाद पूरा देश शहीदों की याद में रोया था। शहीद पंकज के घर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंच कर पीड़ित परिजनों को ढांढ़स बंधाया। शहीद परिवार की सहायता के लिए मदद की भी घोषणा की थी, जो पूरी भी हुई।

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हरपुर में खेल मैदान बदहाल पड़ा है। - फोटो : अमर उजाला।

शहीद पंकज की याद में प्रशासन ने उनके गांव हरपुर में खेल मैदान बनाने की घोषणा की थी, जो अभी भी बदहाल हालत में है। सिर्फ मैदान का गेट बनाकर काम को पूरा कर लिया गया। साथ ही शहीद के गांव जाने का मार्ग भी खस्ताहाल अवस्था में है। चौराहे का नाम भी शहीद पंकज होने की घोषणा भी पूरी नहीं हो सकी। घर के बगल में बने शहीद पार्क का निर्माण भी मानक के अनुरूप नहीं है। साथ ही कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी जो सहायता की घोषणा की थी, वह सिर्फ घोषणा बन कर रह गई।

Martyr Pankaj Tripathi in Pulwama done one year organized shaheed Mela on February 14
शहीद पंकज त्रिपाठी का स्मारक। - फोटो : अमर उजाला।

शहीद पंकज की मां सुशीला देवी ने बताया कि बेटा के खोने का गम तो पूरी जिंदगीभर रहेगा। एक वर्ष तो बेटे के याद मे रोते हुए बीत गया। उस समय तो पूरे क्षेत्र के साथ देश खड़ा था, लेकिन अब कोई हाल लेने वाला नहीं है। पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बेटे के शहीद होने के बाद पूरी जिंदगी अधूरी हो गई है। अब नाती प्रतीक के छवि में पंकज को देखकर बची जिंदगी को बितानी है।

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शहीद के नाम पर बना स्कूल। - फोटो : अमर उजाला।

शहीद के भाई शुभम त्रिपाठी ने बताया कि शहीद पंकज के जाने का गम तो आजीवन रहेगा। उनकी कमी पूरे परिवार को खल रही है। उनकी याद में 14 फरवरी को शहीद मेला लगेगा। इस अवसर पर पार्क में शहीद पंकज त्रिपाठी की मूर्ति का अनावरण होगा। साथ ही क्षेत्र के शहीद परिवार को सम्मानित किया जाएगा।

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