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Kargil Vijay Diwas: आग उगलते तोपखाने से तोड़ी थी पाक सेना की कमर, आज पूरा परिवार कर रहा देश की सेवा

बीडी शुक्ला, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sun, 26 Jul 2020 12:35 PM IST
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Kargil Vijay Diwas 2020 in Hindi: Special story of Retired Subedar Om Prakash Mishra family in gorakhpur
कारगिल विजय दिवस

कारगिल की लड़ाई में तोपखाने से पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ने वाली टीम के सदस्य रहे सूबेदार मेजर ओम प्रकाश मिश्रा का मानना है कि बहुत कम लोगों को देश पर जान कुर्बान करने का मौका मिलता है। हर फौजी जान हथेली पर रखकर इसके लिए तैयार रहता है। कारगिल की लड़ाई के दौरान यही जोश और जज्बा वहां तैनात हर सैनिक के अंदर मौजूद था। 

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Kargil Vijay Diwas 2020 in Hindi: Special story of Retired Subedar Om Prakash Mishra family in gorakhpur
कारगिल विजय दिवस: दाएं रिटायर्ड सूबेदार ओम प्रकाश मिश्रा, बहू और छोटा बेटा। (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला।

धुआं और धूल के गुब्बार के बीच किस गोली पर आप का नाम लिखा है यह कोई नहीं जानता मगर भारतीय सैनिक अपनी छाती को फौलाद मानकर आगे बढ़ते थे। घायल साथियों को देखकर बस एक बात जेहन में आती थी, अब इनका बदला भी हमें लेना है। इससे जोश और उत्साह दोगुना हो जाता था। मां भारती के जयघोष के साथ लोग आगे बढ़ते रहे और पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल से खदेड़ दिया।

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कारगिल विजय दिवस: रिटायर्ड सूबेदार ओम प्रकाश मिश्रा। - फोटो : अमर उजाला।

अमर उजाला से बातचीत के दौरान पॉली ब्लॉक के भिटिया गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर ओम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि कारगिल की लड़ाई में उनकी तैनाती तोपखाने में थी। दुर्गम स्थान पर दुश्मन जो हमसे अच्छी पॉजिशन में थे, उनसे लोहा लेना दुष्कर था। मगर भारतीय सैनिकों ने अपने पराक्रम से असंभव को संभव कर दिखाया। 

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कारगिल विजय दिवस: कमलेश मिश्रा। - फोटो : अमर उजाला।

सेना के प्रति उनकी निष्ठा ऐसी थी, कि अपने दोनों बेटे को आर्मी ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया। इसी का परिणाम है कि बड़ा बेटा लेफ्टिनेंट कर्नल कमलेश मिश्रा आसाम में तैनात हैं तो बड़ी बहू मेजर वंदना मिश्रा बंगाल में तैनात हैं। छोटा बेटा मेजर मनमोहन मिश्रा भी आर्मी एविएशन में पायलेट हैं। परिवार की दो पीढ़ियां सेना से जुड़कर देश सेवा में जुड़ी है। तो तीसरी पीढ़ी को भी अभी से ही सेना में भेजने का मन बना चुके हैं।

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कारगिल विजय दिवस: मेजर वंदना मिश्रा। - फोटो : अमर उजाला।

ओम प्रकाश के पिता परशुराम मिश्रा के तीन पुत्र थे। बड़े बेटे कौशल किशोर मिश्रा शिक्षक हैं। उनका बेटा अंबुज मिश्रा भी फौज में हैं। वहीं ओमप्रकाश मिश्रा के दोनों बेटे आर्मी में हैं। तीसरे बेटे सत्यप्रकाश मिश्रा भी आर्मी से धर्मगुरु के पद से रिटायर्ड हैं। परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना से जुड़ा है।

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