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इस जंगल के बीच में स्थापित है ये खास मंदिर, इसकी कहानी जानकर हैरान रह जाएंगे आप

अमर उजाला ब्यूरो, कुशीनगर। Published by: vivek shukla Updated Mon, 04 Jan 2021 07:26 PM IST
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story of Madanpur Devi temple in Valmiki Tiger Reserve forest Kushinagar
मदनपुर देवी मंदिर। - फोटो : अमर उजाला।
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यूपी और बिहार से सटे वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के मदनपुर जंगल में विख्यात देवी मंदिर है। यह मंदिर नेपाल, बिहार और यूपी के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। इनके बीच में देवी मां के भक्त रहसू गुरू की कथा प्रचलित है। बताया जाता है कि वह बाघों के गले में सांप की रस्सी लपेट दवंरी (फसलों की मड़ाई) करते थे। आगे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...

 
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मदनपुर देवी मंदिर। - फोटो : अमर उजाला।
मंदिर के बारे में प्रचलित है किंवदंती
बताया जाता है कि मदनपुर देवी स्थान पर पहले घना जंगल हुआ करता था, यह राजा मदन सिंह नाम के राज्याधीन था। एक बार जंगल में शिकार करने राजा पहुंचे तो उनको पता चला कि एक रहसू गुरू साधु उनके इन जंगलों के बीच बाघों के गले में सांप बांधकर पतहर (खर पतवार) की मड़ाई (दंवरी) करता है और उसमें से कनकजीर (सुगंधित धान की प्रजाति) निकलता है।

 
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मदनपुर देवी मंदिर। - फोटो : अमर उजाला।
राजा को घोर आश्चर्य हुआ, सच्चाई जानने के लिए राजा सैनिकों के साथ मौके पर पहुंचे तो नजारा देख हैरान रह गए। राजा ने हठ करते हुए साधु से देवी जी को बुलाकर दिखाने का आदेश सुनाया। साधु ने राजा को समझाते हुए कहा कि ऐसी जिद्द न करें बेवजह देवी मां को बुलाना संकट को मोल लेना होगा, देवी कुपित हुई तो आपके राजपाट का सर्वनाश हो जाएगा। समझाने के बाद भी राजा मदन जिद्द पर अड़े रहे, जब साधु के जान पर बन आई तो भारी मन से देवी का आह्वान किया। कहा जाता है जगदंबा असम के कामख्या से चली और खंहवार नामक स्थान पर पहुंची, वहां से थावें पहुंची (दोनों जगह मंदिर स्थापित है)।
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मदनपुर देवी मंदिर। - फोटो : अमर उजाला।
देवी के आने से पहले साधु ने राजा को फिर चेताया लेकिन राजा नहीं माने इसके बाद अचानक भक्त रहसू का सिर फटा और देवी मां का हाथ उसके बाहर दिखाई दिया। देवी के तेज को सहन नहीं कर पाए राजा और जमीन पर गिर पड़े फिर कभी नहीं उठे। बाद में राजा का परिवार व सारा साम्राज्य ही तहस नहस हो गया। देवी मां जमीन में समां गईं और यहां पिंडी के रूप में स्थापित हो गई। धीरे-धीरे यह स्थान घनघोर जंगल से घिर गया। कालांतर में हरिचरण नामक व्यक्ति की नजर पिंडी पर पड़ी। उसने देखा कि एक गाय पिंडी पर अपना दूध गिरा रही है उन्होंने पिंडी के आसपास सफाई कर पूजा करना शुरू कर दिया।
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मदनपुर देवी मंदिर। - फोटो : अमर उजाला।
कहा तो यह भी जाता है कि भक्ति से प्रसन्न देवी मां ने रखवाली के लिए एक बाघ प्रदान किया जो हरिचरण के साथ रहता था। धीरे-धीरे इसकी चर्चा चारों तरफ फैल गई। पहले यहां पहुंचना काफी मुश्किल था, दो दशक पहले गंडक नदी पर छितौनी बगहा पुल बन जाने से यूपी के भी लाखों श्रद्धालु देवी दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां मंदिर का निर्माण हो गया है, नेपाल बिहार उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी दर्शन के साथ ही शादी विवाह मुंडन आदि धार्मिक कार्य करते हैं। यहां बकरे और मुर्गे की बलि भी दी जाती है। नवरात्र के समय भारी मेला लगता है।
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