पहाड़ों पर बारिश और नेपाल के छोड़े पानी के चलते अवध में 600 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अयोध्या, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर और बहराइच में सैकड़ों लोगों के घरों व खेतों में पानी भर गया है। लोग सड़कों व तटबंधों पर आसरा लिए हुए हैं। शुक्रवार को जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया।
सीतापुर : शारदा व सरयू के तेज बहाव से तंबौर में बंधा कटने से 40 गांवों में पानी घुस गया है। लालपुर-तंबौर मार्ग को बंद करना पड़ा। बिसवां, लहरपुर व महमूदाबाद तहसील के 120 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
बाराबंकी : तीन तहसीलों के सवा सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। लोग तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। मार्गों पर पानी भरने से गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
गोंडा : तरबगंज में दो जगहों पर हाईवे पर सरयू का पानी दौड़ रहा है। कटान के चलते नवाबगंज से लखनऊ जाने वाले मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया गया है। करनैलगंज में सरयू खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही है।
सीतापुर : शारदा व सरयू के तेज बहाव से तंबौर में बंधा कटने से 40 गांवों में पानी घुस गया है। लालपुर-तंबौर मार्ग को बंद करना पड़ा। बिसवां, लहरपुर व महमूदाबाद तहसील के 120 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
बाराबंकी : तीन तहसीलों के सवा सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। लोग तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। मार्गों पर पानी भरने से गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
गोंडा : तरबगंज में दो जगहों पर हाईवे पर सरयू का पानी दौड़ रहा है। कटान के चलते नवाबगंज से लखनऊ जाने वाले मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया गया है। करनैलगंज में सरयू खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही है।