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Mig-29 Crash: जांबाजी... जान पर खेलकर बचा लीं हजारों जिंदगियां; आबादी से विमान को दूर ले गया पायलट
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 05 Nov 2024 02:28 PM IST
सार
वायुसेना का मिग-29 विमान सोमवार की शाम को आगरा के कागारौल के गांव बघा सोनिगा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान के खाली खेत में गिरते ही धू-धूकर जलने लगा। विमान ग्वालियर से नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। पायलट ने पैराशूट की मदद से सुरक्षित लैडिंग की।
एयरफोर्स के 28 वीं स्क्वाड्रन के लड़ाकू विमान मिग-29 को उड़ा रहे विंग कमांडर मनीष मिश्रा ने कागारौल के हजारों लोगों की जिंदगी इस हादसे में बचा ली। पंजाब के आदमपुर से प्रशिक्षण उड़ान पर निकले विंग कमांडर को जब विमान की तकनीकी खराबी के बारे में पता चला तो वह लड़ाकू विमान को आबादी से दूर खेतों की ओर ले गए।
यहां भी गांव बघा सोनिगा से ढाई किमी दूर उन्होंने विमान के गिरने से पहले खुद को इजेक्ट किया और पैराशूट की मदद से कूद गए। आसमान में कलाबाजियां खाता हुआ विमान आबादी से दूर खेतों में जाकर गिरा।
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Mig-29 crash
- फोटो : अमर उजाला
कागारौल कस्बे की आबादी 14 हजार है। प्रत्यक्षदर्शी रूप सिंह ने बताया कि विमान ने गिरने से पहले दो चक्कर लगाए थे, लेकिन बाद में यह बेहद नीचे उड़ान भरने लगा। आबादी से दूर यह खेतों में गिरा। अगर यह कस्बे में आबादी के बीच गिर जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
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14000 किलो वजनी है मिग-29
40 साल पहले भारतीय वायु सेना का हिस्सा बने लड़ाकू विमान मिग-29 14 हजार किलो वजनी हैं। जिस समय यह प्रशिक्षण उड़ान पर था, तब इसमें 2000 लिटर ईंधन भरा हुआ था, जिस वजह से यह ढाई घंटे तक धू धू कर जलता रहा। पानी की जगह फोम का उपयोग करने पर विमान की आग बुझ सकी, लेकिन तब तक विमान के हिस्से जल चुके थे।
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300 करोड़ से अधिक है मिग-29 की कीमत
मिग-29 रूस में निर्मित एक फाइटर जेट है, जिसकी खरीद 1980 के दौर में भारत सरकार ने शुरू की थी। जुलाई 2020 में भारत ने रूस के साथ 21 मिग-29 विमानों के लिए एक डिफेंस डील पर बातचीत शुरू की थी। उस वक्त 21 फाइटर जेट के लिए 7418 करोड़ रुपये की डील की गई थी। उस समय प्रति विमान की कीमत 353 करोड़ रुपये सामने आई थी।
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कश्मीर और लद्दाख में आसानी से उड़ान भर सकता है
मिग-29 विमान कश्मीर और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में आसानी से उड़ान भर सकता है। इसकी टॉप स्पीड 2400 किमी प्रति घंटा है और इसमें हथियारों को ले जाने के लिए कुल 7 हार्ड प्वाइंट्स भी दिए गए हैं। इससे दुश्मन देशों के विमानों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। भारतीय वायुसेना के मिग सीरिज के अधिकांश विमान भले ही फेज आउट हो चुके हो, लेकिन मिग-29 में व्यापक संशोधन किए गए। इस कारण से इसकी मारक क्षमता भी काफी बढ़ गई। मिग-29 में नए एवियोनिक्स, रडार, मिसाइल, हथियार नियंत्रण प्रणाली के कारण इसका नाम अब बदल कर मिग-29 यूपीजी कर दिया गया है।
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