कासगंज के गांव निजामपुर में रविवार को पहली बार किसी दलित की बारात चढ़ी। दूल्हा संजय घोड़ाबग्घी पर सवार होकर आया। संगीनों के साये में तय रूट पर बैंड-बाजे के साथ बारात की चढ़ाई हुई। दरवाजे पर परंपराओं के अनुसार बारात का स्वागत किया गया। महिलाओं ने घोड़ाबग्घी पर सवाल दूल्हा संजय की आरती उतारी और तिलक लगाया।
तस्वीरें: पहली बार निजामपुर में चढ़ी दलित की बारात, पुलिस फोर्स के साथ दूल्हा पहुंचा दुल्हन के घर
बारातियों ने बैंड बाजे पर जमकर डांस करते हुए मस्ती की। बारात चढ़ने के दौरान बरात के चारों ओर जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे वहीं बारात के रूट पर पुलिस और पीएसी के जवान पहरा दे रहे थे। वहीं दुल्हन शीतल भी अपनी शादी को लेकर बेहद खुश नजर आई।
तस्वीरें: पहली बार निजामपुर में चढ़ी दलित की बारात, पुलिस फोर्स के साथ दूल्हा पहुंचा दुल्हन के घर
बारात आने के बाद दूल्हा संजय बग्गी पर सवार हुआ और कुतबपुर मार्ग पर बनाए गए खेत में जनमासे के बाहर से बारात शुरू हुई। बैंड बाजे बजते ही बाराती जश्र में डूब गए। बारात कुतबपुर मार्ग से निजामपुर तिराहे पर पहुंची जहां से बारात निर्धारित रूट पर होती हुई गांव की गलियों की ओर पहुंची।
तस्वीरें: पहली बार निजामपुर में चढ़ी दलित की बारात, पुलिस फोर्स के साथ दूल्हा पहुंचा दुल्हन के घर
जहां दूसरी आबादी के लोगों के घरों के सामने से बिना किसी व्यवधान के बारात भ्रमण करती हुई दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची। बारात करीब 6 बजे शुरू हुई और सवा सात बजे बरात दुल्हन के दरवाजे पर थी। बारात के दौरान आए बराती संजय की बग्गी पर चढ़कर फोटो खिंचवा रहे थे और सेल्फी भी ले रहे थे।
तस्वीरें: पहली बार निजामपुर में चढ़ी दलित की बारात, पुलिस फोर्स के साथ दूल्हा पहुंचा दुल्हन के घर
दूल्हा संजय भी विजयी मुद्रा में मुस्कुराता हुआ नजर आ रहा था। बारात भ्रमण होने के बाद शीतल के परिवार की महिलाओं ने दूल्हा संजय की अगुवानी की। उसके माथे पर टीका लगाया और मुंह मीठा कराकर पानी पिलाया।