आगरा के थाना हरीपर्वत स्थित सुल्तागंज पुलिया निवासी कुणाल प्रजापति (20) हत्याकांड में पुलिस ने पैसई (खंदौली) निवासी शिवम यादव और बरहन क्षेत्र निवासी डॉली उर्फ लक्ष्मीकांत को गिरफ्तार किया है। दोनों से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि 1.50 लाख रुपये के कुणाल से लेने के विवाद में हत्या की थी। उससे शिवम ने कहा था कि सस्ता सोना दिला देगा। वह रकम लेकर पहुंचा था। हत्या के बाद 75 हजार रुपये डॉली को दिए थे। बाकी रकम खुद रख ली थी।
कुणाल प्रजापति पिता के साथ हलवाई का काम करता था। 27 जून को एक काॅल आने पर घर से निकला था। इसके बाद लाैटकर नहीं आया था। उसकी अपनी मां विरमा से बातचीत हुई थी। वह कुछ देर में आने की कह रहा था। इसकी परिवार के पास वाॅयस रिकार्डिंग भी है। उसने यह बताया था कि शिवम के साथ है। चारों तरफ खेत ही खेत हैं। पता नहीं कहां जा रहे हैं। घर नहीं लौटने पर परिजन ने तलाश की थी। 28 जून को हरीपर्वत थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
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हलवाई के बेटे का कत्ल: शराब पिलाई, एक दोस्त ने हाथ पकड़े, दूसरे ने सिर को ईंट से कुचला; जानें हत्या की वजह
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 03 Jul 2025 11:26 AM IST
सार
हलवाई के बेटे का शव हाथरस के सहपऊ थाना क्षेत्र में कुएं में पड़ा मिला था। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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कुनाल हत्याकांड।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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कुनाल हत्याकांड।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस ने शिवम यादव और कुणाल की कॉल डिटेल निकाली थी। दोनों ने 27 जून को कई बार बातचीत की थी। हाथरस में लोकेशन एक ही थी। मंगलवार सुबह कुणाल का शव हाथरस के सहपऊ थाना क्षेत्र में कुएं में मिला था। शिवम यादव से पूछताछ के बाद पुलिस ने लक्ष्मीकांत उर्फ डॉली को पकड़ा।
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कुनाल हत्याकांड।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एसीपी हरीपर्वत विनायक भोसले के मुताबिक, मामले में कुणाल के पिता देवेंद्र कुमार ने हत्या का मुकदमा लिखाया है। इसमें पैसई, खंदौली निवासी शिवम यादव, उसके चाचा डॉली उर्फ लक्ष्मीकांत, भाई कार्तिक व पिता पप्पू प्रधान को नामजद किया है। आरोपी लक्ष्मीकांत उर्फ डॉली ने पुलिस को बताया कि शिवम यादव और कुणाल काफी समय से एक-दूसरे को जानते थे। शिवम दूध देने के लिए उसके घर आया करता था। कुणाल रबड़ी बनाता था। 26 जून को शिवम और कुणाल ने पार्टी की थी। इस दाैरान दोनों में लेन-देन पर विवाद हो गया था। कुणाल को शिवम ने सस्ता सोना दिलाने का वादा किया था। इसके लिए उससे रुपये ले रखे थे। कुणाल रुपयों का तगादा कर रहा था।

घटना की जानकारी देते परिजन।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एक ने हाथ पकड़े, दूसरे ने सिर में मारी ईंट
27 जून को शिवम ने कुणाल को बुलाया। वह 1.50 लाख रुपये लेकर आया था। शिवम ने उससे कहा था कि हाथरस में परिचित से सस्ता सोना दिला देगा। उन्होंने पहले बीयर पी। शिवम ने कुणाल के हाथ पकड़े। डाॅली ने ईंट से सिर पर कई प्रहार किए। शव 50 फुट गहरे कुएं में फेंक दिया। शिवम ने डाॅली को 75 हजार रुपये दिए, जबकि वादा डेढ़ लाख रुपये देने का किया था। डाॅली की कहानी पर पुलिस ने शिवम यादव से बात की। वह गुमराह करने लगा। पुलिस ने उसको एक नाम और बताया। मगर, वो उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
27 जून को शिवम ने कुणाल को बुलाया। वह 1.50 लाख रुपये लेकर आया था। शिवम ने उससे कहा था कि हाथरस में परिचित से सस्ता सोना दिला देगा। उन्होंने पहले बीयर पी। शिवम ने कुणाल के हाथ पकड़े। डाॅली ने ईंट से सिर पर कई प्रहार किए। शव 50 फुट गहरे कुएं में फेंक दिया। शिवम ने डाॅली को 75 हजार रुपये दिए, जबकि वादा डेढ़ लाख रुपये देने का किया था। डाॅली की कहानी पर पुलिस ने शिवम यादव से बात की। वह गुमराह करने लगा। पुलिस ने उसको एक नाम और बताया। मगर, वो उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
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युवक का फाइल फोटो
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
परिवार का दर्द, पुलिस ने नहीं देखने दिया चेहरा
कुणाल की हत्या से परिवार पूरी तरह से टूट गया है। पिता एक ही बात बोल रहे हैं कि बेटा मेरी रीढ़ की हड्डी था। बीमारी में व्यापार को संभाल रहा था। अब वो किसके सहारे यह सब कर पाएंगे। शव पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया, लेकिन पुलिस ने चेहरा तक नहीं देखने दिया। शव पूरा कपड़े में बंद था। पुलिस जबरन शव को लेकर चली गई। कुणाल चार भाई और बहनों में सबसे बड़ा था। दो बहन और एक छोटा भाई है। 6 महीने से पिता की तबीयत खराब चल रही है। इस कारण वह दुकान संभाल रहा था। 11वीं की पढ़ाई भी कर रहा था। मंगलवार को शव पहुंचने पर बहन, मां और पिता बेहाल हो गए थे। उन्हें रिश्तेदार किसी तरह संभाल रहे थे। एसीपी हरीपर्वत ने बताया कि कुणाल का शव कई दिन पुराना था। शव को पोस्टमार्टम के बाद घर ले जाया गया, जहां से अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कुणाल की हत्या से परिवार पूरी तरह से टूट गया है। पिता एक ही बात बोल रहे हैं कि बेटा मेरी रीढ़ की हड्डी था। बीमारी में व्यापार को संभाल रहा था। अब वो किसके सहारे यह सब कर पाएंगे। शव पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया, लेकिन पुलिस ने चेहरा तक नहीं देखने दिया। शव पूरा कपड़े में बंद था। पुलिस जबरन शव को लेकर चली गई। कुणाल चार भाई और बहनों में सबसे बड़ा था। दो बहन और एक छोटा भाई है। 6 महीने से पिता की तबीयत खराब चल रही है। इस कारण वह दुकान संभाल रहा था। 11वीं की पढ़ाई भी कर रहा था। मंगलवार को शव पहुंचने पर बहन, मां और पिता बेहाल हो गए थे। उन्हें रिश्तेदार किसी तरह संभाल रहे थे। एसीपी हरीपर्वत ने बताया कि कुणाल का शव कई दिन पुराना था। शव को पोस्टमार्टम के बाद घर ले जाया गया, जहां से अंतिम संस्कार कर दिया गया।