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एसएन में व्यवस्था 'बीमार', ओपीडी में प्रवेश के लिए धक्कामुक्की, मरीजों को न व्हीलचेयर मिला न स्ट्रेचर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा Published by: Abhishek Saxena Updated Wed, 04 Nov 2020 12:41 PM IST
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Sn Medical College Patients On Opd No Man On Help Desk
एसएन मेडिकल कॉलेज का हाल - फोटो : अमर उजाला
ओपीडी शुरू होने के दूसरे दिन ही मंगलवार को एसएन मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था ‘बीमार’ दिखी। बड़ी संख्या में मरीज ऐसे भी पहुंचे जिनको पंजीकरण के बारे में जानकारी नहीं थी, हेल्प डेस्क पर उनकी मदद के लिए कोई नहीं था। ओपीडी चर्म, हड्डी, बाल, नेत्र रोग की थी, अन्य मर्जों के मरीज भी पहुंचे। इनको गेट पर ही रोक दिया गया। जानकारी देने की कोई व्यवस्था न होने से समस्या और बढ़ गई। ओपीडी में दिखा न पाने वाले तमाम मरीज गिड़गिड़ाते मिले। कई ऐसे भी थे, जिनकी स्टाफ से तीखी बहस भी हुई। जबरन प्रवेश के लिए धक्का-मुक्की भी हुई। 
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खाली हेल्प डेस्क - फोटो : अमर उजाला
हेल्प डेस्क नहीं बनी, स्क्रीनिंग भी नहीं
प्रवेश द्वार पर हेल्प डेस्क मंगलवार को भी शुरू नहीं हो सकी। यहां पर मरीजों की स्क्रीनिंग भी नहीं की गई। नंबर और पंजीकरण की व्यवस्था से अनजान मरीज सीधे चले आए। इनको जानकारी देने के लिए कोई नहीं था, वह लगातार चक्कर काटते रहे। 
 
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एसएन मेडिकल कॉलेज में मरीज - फोटो : अमर उजाला
मोबाइल नहीं है भईया, एक रुपया ले लो पर पर्चा बनवा दो 
आंख में दर्द है, नंबर नहीं लगवा पाया, मोबाइल भी नहीं है। कैसे भी करो, बस पर्चा बनवा दो। ये एक रुपया ले लो और पर्चा बनवाकर ला दो भाई। फतेहपुर सीकरी से आए नाजिम खान पर्चा बनवाने के लिए स्टाफ से ऐसे ही गुहार लगा रहे थे। पर्चा नहीं बनाया गया। निराश नाजिम खान बोले कि पंजीकरण की व्यवस्था से परेशानी हो रही है। सभी मरीजों के लिए पहले की तरह ओपीडी शुरू हो। दूरदराज से आने वाले मरीजों को बिना इलाज लौटना न पड़े। 
 
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व्हीलचेयर मिली न वार्ड ब्वाय - फोटो : अमर उजाला
न व्हीलचेयर मिली न वार्ड ब्वाय
मरीजों के लिए गेट के पास व्हीलचेयर और वार्ड ब्वाय की सुविधा नहीं की गई। चलने-फिरने में लाचार मरीजों को परेशानी हुई। परिजन उनको पीठ या फिर गोद में लेकर ओपीडी में गए। बजीरपुरा से आए सागर कश्यप ने बताया कि उनके पिता के पैरों में प्लास्टर लगा हुआ है, व्हीलचेयर नहीं मिली। उठाकर ले गए, लेकिन उनको काफी परेशानी हुई।
 
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इलाज का इंतजार करता बच्चा और ओपीडी में मरीज देखते प्राचार्य - फोटो : अमर उजाला
लगाते रहे चक्कर, नहीं मिला इलाज
एक दिन के नवजात के पैर टेढ़े-मेढ़े हैं। इसे दिखाने के लिए इमरजेंसी लाया तो ओपीडी भेज दिया। यहां से इमरजेंसी में जाकर भर्ती कराने के लिए कहा है। ऐसे ही चक्कर काट रहा हूं। -केशव सिंह, प्रकाश नगर

पेट में दर्द हो रहा है, पंजीकरण कराने की व्यवस्था के बारे में पता नहीं था। यहां आने पर पता चला कि बुधवार को इस मर्ज की ओपीडी लगेगी, नंबर लगवाओ और बुधवार को आओ। -सुभाष चंद्र, कुबेरपुर
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