गीतों-गजलों और भजनों के संगम में रविवार की रात नहाई,इतराई और खूब निखरी। सुरों के इस सुहावने सफर में भजन गायक रत्नेश दुबे की आवाज की दीवानगी छाई रही तो भूपेंद्र शुक्ला ने गीतों-गजलों से हर किसी के जेहनोदिल में जगह बनाई। राग यमन में सचिन प्रसन्ना बांसुरी पर गायकी अंग में गतकारी कर मन मोह लिया। इसी के साथ पांच दिवसीय अमर उजाला शुभ लाभ शॉपिंग कार्निवाल की दूसरी निशा परवान चढ़ी।
Amar Ujala Carnival : गीतों-भजनों-गजलों के सुर संगम में भावों की लगी डुबकी, रत्नेश दुबे ने बहाई भजनों की रसधार
शाम 6:30 बजे बतौर मुख्य अतिथि शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी और मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. शिखा दरबारी ने दीप जलाकर कॉर्निवाल की दूसरी संगीत निशा का शुभारंभ किया। सबसे पहले वैष्णवी सुंदरम ने भरतनाट्यम नृत्य पर भावपूर्ण गुरु वंदना से मन मोह लिया।
उन्होंने गीत पेश किया-मितवा रे मितवा पूरब न जइहो पच्छिम न जइहो, मेरे दिल में रहियो ...। इनके बाद इलेक्ट्रो डांस एकेडमी मीरापुर के नन्हे कलाकारों में परी, आकांक्षा, आराध्या शर्मा, अक्षत शर्मा और रुद्र ने समूह नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी। इसके बाद माहौल गीतों से बदला। रश्मि शुक्ला के गीत के बाद कमलेश जोशी ने डम डम डिगा डिगा... से दिल जीता। शुभी सिंह ने दमादम मस्त कलंदर से मंत्रमुग्ध किया।
इसी तरह कैंटोनमेंट बोर्ड से आए विश्वेश द्विवेदी ने मिमिक्री से गुदगुदाया। इनके बाद जह्निवका सिंह ने मोहें रंग दे लाल... की बंदिश पर कथक नृत्य की तिहाइयों और लडिय़ों के साथ भावों के निकास की बेजोड़ प्रस्तुति की। अर्पिता, दिव्यांशी, रीतेश के बाद रेखा केसरवानी और रेनुराज सिंह ने अपने गीतों से मंच को बांधे रखा। अयोध्या से आईं कवियत्री उष्मा सजल ने अपने मुक्तकों से तालियां बटोरीं। उद्घोषक संजय पुरुषार्थी ने अपनी आवाज से कार्निवाल के रंगों को और गाढ़ा किया।
मोटू-पतलू के कार्टून वाली सवारियों संग कैमल सफारी का आनंद
सिविल लाइंस में अतुल माहेश्वरी मार्ग तिराहे से आगे बढऩे पर ऊंट, घोड़े, बग्घी की शाही सवारियां बच्चों, युवाओं का स्वागत करती नजर आईं। मोटू-पतलू के कार्टून वाले डेकोरेटेड रिक्शा की सवारी करने के लिए बच्चे ही नहीं महिलाएं भी घरों से निकलीं। तरह-तरह के झूले, रेल कार्निवाल में आकर्षण का केंद्र बनी रही।
कार्निवाल में कूपन लाना न भूलें
अमर उजाला शापिंग कार्निवॉल का अखबार में प्रकाशित कूपन दिखाकर ऊंट, घोड़े, बग्घी और रेल की मुफ्त सवारी करने की होड़ मच गई है। रविवार की शाम कूपन दिखाकर लोगों ने परिवार के साथ कार्निवाल में खूब मस्ती की। कई लोग कूपन के लिए मेले में भटकते नजर आए। ऐसे में अगर आप अमर उजाला के पाठक हैं तो यहां आने से पहले जेब में कार्निवाल का कूपन जरूर रख लेंं। कूपन दिखाकर सवारियों का मुफ्त आनंद उठा सकेंगे।
सुर-लय-ताल के कार्निवाल में अगर आप भी प्रस्तुति देना चाहते हैं तो आज ही अमर उजाला के व्हाट्सएप नंबर-7617566162 पर अपना पंजीयन कराएं।
पूर्णिमा देव समूह की ओर से जम्मू-कश्मीर का लोक नृत्य। आशुतोष श्रीवास्तव- गजल, भजन गायन। अमृता सिंह और अशिता विश्वकर्मा का युगल कथक नृत्य। अंतिशा सिंह और अगम सिंह की बांसुरी पर जुगलबंदी। पीयूष टंडन- गायन। तबला-पखावजः वाद्यवृंद। सिद्धि शुक्ला और सान्विका सिंह- भरत नाट्यम नृत्य। युवराज माहेश्वरी -गायन। विश्वेश द्विवेदी-मिमिक्री
कार्निवाल के सहयोगी:
सह प्रायोजक- लाम हर्बल,महारानी चाय, विष्णु भगवान पब्लिक स्कूल और पान पारस कायम इलाइची।