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Prayagraj : कछार से बाढ़ का पानी निकलने के साथ खाली होने लगे राहत शिविर, कई इलाके अब भी चपेट में

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 21 Sep 2024 03:38 PM IST
सार

बाढ़ का पानी निकलने के बाद सात शिविरों से ज्यादातर परिवार अपने घर वापस हो गए। एनी बेसेंट, महबूब अली इंटर कॉलेज में देर शाम तक कुछ ही लोग थे। प्रशासन ने शनिवार सुबह से शिविरों को बंद करने की बात कही है। वहीं, सदर तहसील के अंतर्गत 350 बाढ़ पीड़ितों को महापौर गणेश केसरवानी ने राशन किट वितरित किए।

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Relief camps started getting evacuated as flood water receded from the alluvium
गंगा के जलस्तर में कमी के बावजूद श्री बड़े हनुमान मंदिर परिसर में भरा बाढ़ का पानी। - फोटो : अमर उजाला।

गंगा और यमुना का जलस्तर कम होने के साथ बस्तियों से भी बाढ़ का पानी निकलने लगा है। इसके साथ राहत शिविरों से लोग घर वापस होने लगे हैं। शनिवार सुबह से सभी राहत शिविर बंद कर दिए जाएंगे। नदियाें के जलस्तर में लगातार गिरावट जारी है। शुक्रवार रात आठ बजे तक छतनाग में जलस्तर पर 82 मीटर से भी नीचे चला गया, हालांकि छोटा बघाड़ा, बेली कछार के निचले इलाके में कुछ घर बाढ़ की चपेट में हैं।



बाढ़ का पानी निकलने के बाद सात शिविरों से ज्यादातर परिवार अपने घर वापस हो गए। एनी बेसेंट, महबूब अली इंटर कॉलेज में देर शाम तक कुछ ही लोग थे। प्रशासन ने शनिवार सुबह से शिविरों को बंद करने की बात कही है। वहीं, सदर तहसील के अंतर्गत 350 बाढ़ पीड़ितों को महापौर गणेश केसरवानी ने राशन किट वितरित किए। उधर, करछना के राहत शिविरों में विधायक पियूष रंजन निषाद ने 200 परिवारों को राशन किट दिए।

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बाढ़ के पानी में धर्मल सीट के सहारे तैरते महंत बलवीर गिरि व अन्य साधु। - फोटो : अमर उजाला।

बाढ़ का पानी छोड़ गया गदंगी, बघाड़ा-नेवादा में चला विशेष सफाई अभियान

बस्तियों से बाढ़ का पानी तो निकलने लगा है लेकिन गदंगी छोड़ गया है। गलियों और नदी जल के किनारे पर जगह-जगह गंदगी का ढेर है। बाढ़ क्षेत्र के नालों की गंदगी भी ऊपर से बह रही है। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। वहीं, नगर निगम ने बघाड़ा-नेवादा में विशेष सफाई अभियान चलाया। इसके लिए 30 से अधिक टीमें लगाई गई हैं। छोटा बघाड़ा में अमिताभ बच्चन पुलिया से आगे गंगा तट पर बाढ़ से आया मलबा पड़ा है। वहां नाला ओवरफ्लो कर रहा है। यही स्थिति बाढ़ क्षेत्र में अन्य जगहों पर भी है। बेली कछार के नालों का पानी भी सड़क पर बह रहा था। इसके अलावा वहां गदंगी रही। यही स्थिति नेवादा, गंगानगर में भी रही। क्षेत्र में में गदंगी के साथ दुर्गंध से भी लोग परेशान हैं। 

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छोटा बघाड़ा इलाके में अब भी भरा है पानी। - फोटो : अमर उजाला।

सफाई में लापरवाही पर जेई का वेतन रोका, अधिशासी अभियंता से तलब

सफाई में लापरवाही और नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित रहने पर अवर अभियंता एसके मिश्रा का वेतन रोक दिया गया है, साथ अधिशासी अभियंता अनिल मौर्या को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नगर आयुक्त ने शुक्रवार को अशोक नगर, नेवादा, छोटा बघाड़ा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। कई जगहों पर नालियां ध्वस्त मिलीं। नगर आयुक्त ने इन्हें ठीक कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बेसमेंट तथा प्लाॅट से पानी निकालने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने क्षेत्र में सफाई अभियान चलाने तथा कीटनाशकों के छिड़काव के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने पाया कि अधिक दुकानों की वजह से थार्नहिल रोड पर जाम लग रहा है। उन्होंने सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने को कहा। इसके अलावा डेयरी संचालकों को नोटिस जारी कर उन्हें हटवाने के निर्देश दिए। 

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दारागंज इलाके में तेजी से घट रहा है जलस्तर। - फोटो : अमर उजाला।

गंगा में मूर्तियों का विसर्जन न होने दिया जाए

पूर्व पार्षद कमलेश सिंह ने गंगा में मूर्तियों का विसर्जन नहीं करने की मांग की। इस बाबत उन्होंने राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, महापौर को पत्र भी लिखा है। उनका कहना है कि गंगा नदी में रासायनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ गई है। कई जगहों पर दो दिन पहले गणेश मूर्तियों का विसर्जन हुआ। वहीं, शुक्रवार को कई जगह मछलियां मरी थीं। उन्होंने नदियों में पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ने की भी मांग की। 

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दारागंज इलाके में तेजी से घट रहा है जलस्तर। - फोटो : अमर उजाला।

बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित

सीएमपी डिग्री कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग और हरे राम सेवा संस्थान ने शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों को आटा, चावल, दाल, बिस्किट, पानी की बोतल सहित अन्य राहत सामग्री बांटी। इस दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर अनंत सिंह जैलयांग, डॉ. रितेश त्रिपाठी, डॉ. सपना मौर्या, डॉ. अनिल पंडित, सौरभ पांडेय और योगेश मौजूद रहे। 

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