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शर्मसार तक करती हैं दुष्कर्म की ये घटनाएं, इनमें 67 मुकदमे, 35 में जांच अधूरी
संवाद न्यूज एजेंसी, गोरखपुर।
Published by: विजय जैन
Updated Sun, 08 Dec 2019 11:02 AM IST
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- फोटो : PTI
दिल्ली में हुए निर्भया कांड के सात साल बाद भी देश में ऐसी घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही है, जहां हैदराबाद में हुई घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। वहीं, दुष्कर्म, छेड़खानी और शीलभंग जैसे मामलों में गोरखपुर पुलिस की विवेचना की रफ्तार काफी धीमी है। पिछले 11 माह में दर्ज मुकदमों की विवेचना में पुलिस अभी आधा दूरी भी नहीं तय कर पाई है। दुष्कर्म के 67 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसमें से 35 में चार्जशीट लगी है। शीलभंग, छेड़खानी और फब्तियां कसने के ज्यादातर मामले लंबित पड़े हैं।
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- फोटो : एएनआई
पुलिस की ओर से मिले आंकड़े के अनुसार एक जनवरी से 30 नवंबर 2019 तक दुष्कर्म की कुल 67 घटनाएं हुई हैं। वहीं, शीलभंग व छेड़खानी की 220 और फब्तियां कसने की 11 घटनाएं हुई हैं। ये वे मामले हैं, जिनका पुलिस ने केस दर्ज किया है।
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विरोध करते छात्र।
- फोटो : अमर उजाला
इनमें से दुष्कर्म के मामले में 35 मुकदमों की विवेचना पूरी हुई है तो 32 अभी लंबित हैं। शीलभंग व छेड़खानी के मामले में 110 विवेचनाएं निस्तारित हुई हैं। वहीं, 120 मामले लंबित हैं। इसके अलावा फब्तियां कसने के मामलों में मात्र दो में ही विवेचनाएं निस्तारित हुई हैं, नौं लंबित हैं।
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : शटरस्टॉक्स
कई मामलों में पुलिस दर्ज ही नहीं करती केस
छेड़खानी के कई मामलों में तहरीर मिलने के बाद भी पुलिस केस न दर्ज कर सुलह करा देती है। कई मामलों में पुलिस तहरीर न मिलने का हवाला देकर आरोपियों का शांतिभंग में चालान कर पल्ला झाड़ लेती है। इसमें अकेले खोराबार में ही कुछ मामले हैं, जिसमें पुलिस ने छेड़खानी के मामलों में केस दर्ज ही नहीं किया।
छेड़खानी के कई मामलों में तहरीर मिलने के बाद भी पुलिस केस न दर्ज कर सुलह करा देती है। कई मामलों में पुलिस तहरीर न मिलने का हवाला देकर आरोपियों का शांतिभंग में चालान कर पल्ला झाड़ लेती है। इसमें अकेले खोराबार में ही कुछ मामले हैं, जिसमें पुलिस ने छेड़खानी के मामलों में केस दर्ज ही नहीं किया।
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युवती के पैर पकड़ माफी मांगता युवक
- फोटो : अमर उजाला
वर्जन
पुलिस को लंबित विवेचनाएं पूरी करने के लिए कहा गया है। जल्द ही विवेचनाओं को पूरा कर चार्जशीट लगाई जाएगी, ताकि आरोपियों को जल्द सजा दिलाई जा सके। -डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी
पुलिस को लंबित विवेचनाएं पूरी करने के लिए कहा गया है। जल्द ही विवेचनाओं को पूरा कर चार्जशीट लगाई जाएगी, ताकि आरोपियों को जल्द सजा दिलाई जा सके। -डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी