श्मशान में आपको अक्सर लिखा मिलता है मृत्यु ही अंतिम सत्य है। स्वास्थ्य विभाग ने ‘मृत्यु’ को ही आंकड़ेबाजी में फंसा दिया। कोरोना से हुई मौतों की संख्या छिपाने के लिए ‘झूठ’ का जाल बुना गया। अब नगर निगम की रिपोर्ट ने इस ‘झूठ’ की पोल खोलकर रख दी है। कोरोना की दूसरी लहर के पीक से अब तक जितनी मौतें स्वास्थ्य विभाग दर्शा रहा है, उसके दोगुने से ज्यादा संक्रमित शवों का संस्कार घाटों पर किया गया।
सिस्टम का झूठ: घाटों पर आईं लाशों ने खोली स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की पोल, हैरान कर देगी ये रिपोर्ट
इनका अंतिम संस्कार प्रोटोकॉल के तहत किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने 1509 मौतों को आंकड़ों से गायब ही कर दिया। डीएम के निर्देश पर नगर निगम ने कोरोना से मरने वालों की रिपोर्ट तैयार की है। यह स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से मेल नहीं खाती। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने दोनों विद्युत शव दाह गृहों में आए शवों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है।
उनके पास इन सभी शवों का रिकॉर्ड है। दरअसल, कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार नगर निगम की ओर से संचालित दोनों विद्युत शवदाह गृहों (भैरव घाट और भगवत दास घाट) में ही किया गया जाता है। यहां सरकारी अस्पतालों के साथ शहर में बने प्राइवेट कोविड अस्पतालों से शव लाए गए थे।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना की पहली लहर से अब तक शहर में 1738 लोगों की संक्रमण से मौतें हुई हैं। फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक 850 लोग मरे, जबकि दूसरी लहर का कोरोना पीक यानी अप्रैल से जून तक 888 की जानें गईं। मगर शव दाहगृहों में मार्च 2021 में 14 कोरोना संक्रमित शव जले थे। अप्रैल से जून तक कुल 2604 शवों को जलाया गया। इनमें से 2397 शव तो कोरोना संक्रमित के ही थे। जिन्हें सील पैक कर अस्पतालों ने भेजा था।
भैरव घाट विद्युत शवदाह गृह
माह कोरोना संक्रमितों का शव नॉन कोविड कुल शव
अप्रैल 1133 79 1212
मई 1015 55 1070
1 जून 4 1 5
योग 2166 135 2282
भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह
माह कोरोना संक्रमित नॉन कोविड कुल शव
अप्रैल 174 36 210
मई 57 51 108
1 जून 0 4 4
योग 231 91 322
नंबर गेम
स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा : 888 कोरोना संक्रमितों की मौत अप्रैल से जून तक
नगर निगम का आंकड़ा : 2397 संक्रमितों का अंतिम संस्कार अप्रैल से जून तक विद्युत शव दाह गृहों में
कोरोना से हुई मृत्यु के मामले में स्वास्थ्य विभाग और विद्युत शवदाह गृहों के आंकड़ों में इतना अंतर नहीं हो सकता। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से मौतों के जो आंकड़े पोर्टल पर दर्ज कराए, वे नगर के ही निवासी थे। उन सभी की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मगर यहां के अस्पतालों में दूसरे जिलों के भी कोरोना मरीजों की मृत्यु हुई।- डॉ. नेपाल सिंह, सीएमओ
