कानपुर-सागर हाईवे पर जहांगीराबाद गांव के पास हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से कोहराम मच गया। कुली बाजार से एक साथ जनाजे उठे तो लोगों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। परिजनों को सांत्वना देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मासूम के सिर से पिता का साया मोहम्मद सईद का कोपरगंज में गन्ने का कारोबार था। पत्नी सुरइया बानो के अलावा तीन बेटियां सना सईद, सोमरा सईद और सैफा हैं। सरताज सना के शौहर थे। सरताज की चकरपुर मंडी में आढ़त है। उनका एक डेढ़ साल का बेटा है। हादसे में माता-पिता और पति की मौत से सना पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं मासूम के सिर से पिता का साया उठ गया।
रिजवाना बेगम मोहम्मद सईद की बहन थीं। रिजवाना के शौहर मोहम्मद इस्लाम का कुली बाजार में ही इलेक्ट्र्रानिक की दुकान है। उनके परिवार में बेटी सम्युल और बेटा हजमा है। रिजवाना के शव लिपटकर दोनों बच्चे बिलख पड़े। परिजनों ने जैसे तैसे बच्चों को अलग किया। घने कोहरे की वजह से कानपुर-सागर हाईवे पर जहांगीराबाद गांव के पास मंगलवार तड़के तेज रफ्तार कार (क्वालिस) सड़क किनारे खड़े डंपर में जा घुसी।
हादसे में दंपति समेत चार लोगों की मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पूरा परिवार छतरपुर (मध्यप्रदेश) में रिश्तेदार के अंतिम संस्कार से लौट रहा था। अनवरगंज के कुली बाजार निवासी मोहम्मद मुईद ने बताया कि मोहल्ले में ही रहने वाले बहनोई परवेज आलम के दामाद छतरपुर निवासी जाकिर हुसैन काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका यहां इलाज चल रहा था।
सोमवार को उनकी यहां मौत हो गई थी। बकौल मोहम्मद मुईद उनके बड़े भाई मोहम्मद सईद (48) अपनी पत्नी सुरैया बानो (45) दामाद सरताज आलम (34), बहन रिजवाना बेगम (38), बहनोई परवेज आलम, बड़ी बहन कुरैसा और परिवार के मोहम्मद मोईन और अफसाना बेगम के साथ कार से जाकिर का शव लेकर छतरपुर गए थे।