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Kanpur: रोडवेज बस चालकों की मनमानी से झकरकटी में जाम, एंबुलेंस भी फंसी…500 मीटर तय करने में लग रहे 30 मिनट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 05 Dec 2025 01:40 PM IST
सार

Kanpur News: झकरकटी पुल से टाटमिल चौराहे तक रोडवेज बस चालकों की मनमानी के कारण 24 घंटे भीषण जाम लगा रहता है। 1100 में से 625 बसें अड्डे के अंदर आने के बजाय सड़क पर ही सवारियां भरकर निकल जाती हैं, जिस पर पुलिस भी अंकुश लगाने में विफल रही है।

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Kanpur Traffic jam at Jhakarkati due to the arbitrary behavior of bus drivers ambulance also stuck
झकरकटी बस अड्डे के पर लगता है भीषण जाम - फोटो : amar ujala

कानपुर में रोडवेज बस चालकों और परिचालकों की मनमानी लोगों पर भारी पड़ रही है। झकरकटी पुल से लेकर टाटमिल चौराहे तक सड़क पर बसें खड़ी कर घंटों सवारियां भरते हैं। इससे 24 घंटे जाम लगा रहता है। दो पहिया वाहन तक नहीं निकल पाते हैं। पुल पर ही अवैध रूप से ऑटो स्टैंड भी चल रहा है। पुलिस के सामने ही सवारियां बैठाते और उतारते हैं। इन पर भी पुलिस अंकुश नहीं लगा पा रही है।


अफीम कोठी चौराहा से आगे आकर झकरकटी पुल चढ़ते ही पांच मीटर की सड़क पर आधी में रोडवेज बसें खड़ी रहती हैं। पुल समाप्त होने के बाद एक तरफ की सड़क की चौड़ाई करीब आठ मीटर है लेकिन इस पर भी आधे से ज्यादा पर रोडवेज बस और ऑटो चालक कब्जा किए हैं। इससे 24 घंटे जाम के हालात रहते हैं। यह स्थिति सड़क के दोनों तरफ से रहती है। 500 मीटर की दूरी तय करने में वाहन चालकों को 20 से 30 मिनट तक लग जाते हैं।

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Kanpur Traffic jam at Jhakarkati due to the arbitrary behavior of bus drivers ambulance also stuck
बस अड्डे के पीछे के रास्ते से आने वाली रोड जर्जर - फोटो : amar ujala

1100 बसों का होता है संचालन
शहीद मेजर सलमान खान अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा (झकरकटी) से करीब 1100 बसों का संचालन होता है। यहां से बांदा, चित्रकूट, उरई, झांसी, कानपुर देहात, गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज जैसे रूटों की बसें संचालित होती हैं। इसके अलावा राजस्थान और मध्यप्रदेश की बसें भी आती हैं। रोडवेज आरएम के मुताबिक, इनमें से हर दिन सिर्फ 475 के आसपास ही बसें अड्डे के अंदर आती हैं। अन्य बसें बाहर से ही सवारियां भरकर निकल जाती हैं।

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Kanpur Traffic jam at Jhakarkati due to the arbitrary behavior of bus drivers ambulance also stuck
झकरकटी पुल से लेकर टाटमिल चौराहे तक लगा भीषण जाम - फोटो : amar ujala

निकासी गेट का मार्ग ऊबड़-खाबड़
बस अड्डे में पश्चिमी निकासी गेट बना है। करीब 500 मीटर लंबे इस मार्ग से निकलने में बस चालकों को आधे घंटे तक लग जाते हैं। करीब 12 मीटर चौड़े इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं जिनमें पानी भरा रहता है। पूरी सड़क ऊबड़-खाबड़ है। दो बसें एक साथ निकलने पर तो यहां भी जाम लग जाता है और बसें रेंग-रेंगकर निकलते हुए टाटमिल चौराहा तक पहुंचती हैं। कई बार नगर आयुक्त को पत्र भेजा गया लेकिन मार्ग की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।

Kanpur Traffic jam at Jhakarkati due to the arbitrary behavior of bus drivers ambulance also stuck
जाम में फंसी दो एम्बुलेंस - फोटो : amar ujala

लंबा चक्कर लगाना पड़ता
चालक बस को घुमाकर लाने के डर से भी अंदर नहीं जाते हैं। अगर कोई बस फजलगंज या रावतपुर की तरफ से आ रही है तो उसे टाटमिल चौराहा से यूटर्न लेकर बस अड्डे तक जाना पड़ता है। इसके बाद उसे पश्चिमी निकासी द्वार से होकर फिर टाटमिल आकर आना पड़ता है। अगर बस लखनऊ रूट या किदवईनगर की तरफ जा रही है तो दोबारा यूटर्न लेने से बचत हो जाती है।

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Kanpur Traffic jam at Jhakarkati due to the arbitrary behavior of bus drivers ambulance also stuck
बैरिकेडिंग हटाकर उल्टी दिशा निकल रहा है बाइक सवार - फोटो : amar ujala

जाम में फंसती हैं एंबुलेंस
टाटमिल चौराहा पर तैनात टीएसआई दीपक तिवारी ने बताया कि झकरकटी पुल से लेकर टाटमिल तक उन्हें मिलाकर दो टीएसआई, तीन हेड कांस्टेबल और पांच गार्ड तैनात हैं। हर दिन गलत तरह से बसें खड़ी करने पर 35 से 40 चालान किए जाते हैं इसके बावजूद चालक नहीं मानते और कहीं भी बसें खड़ी कर सवारियां भरने लगते हैं। इस वजह से दिनभर में दो दर्जन एंबुलेंस भी जाम में फंसती हैं जिन्हें ट्रैफिक रोककर निकाला जाता है।

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