Kanpur Weather: 22 साल में सबसे ठंडी चार दिसंबर की रात, ला-नीना सक्रिय…विशेषज्ञ बोले- पारा और नीचे जाएगा
Weather News: सीएसए के मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि आसमान साफ है और उत्तर पश्चिमी हवाओं की निरंतरता बनी है। इससे पारा गिर रहा है। बंगाल की खाड़ी में दित्वाह तूफान के कारण परिक्षेत्र में हवाएं लगातार नमी लेकर आ रही हैं।
विस्तार
प्रदेश में कानपुर की रात सबसे ठंडी रही है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री से 5.3 डिग्री लुढ़क कर गुरुवार को 5.7 डिग्री पर आ गया। सीएसए के मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 22 साल के बाद चार दिसंबर को न्यूनतम तापमान इतना नीचे आया। इसके पहले चार दिसंबर 2003 को न्यूनतम पारा 5.6 डिग्री पर गया था। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी गतिविधियां बदल रही हैं। पारा अभी और नीचे जाएगा।
उत्तर पश्चिमी हवाओं की निरंतरता बने रहने, उत्तर ध्रुवीय हवाओं और जेट स्ट्रीम के नीचे आने से ठंड बढ़ी है। गुरुवार को अधिकतम तापमान भी कम रहा है। 24 घंटे में दिन का पारा 1.8 डिग्री नीचे आया। धूप नरम रही और सारा दिन हल्की धुंध रही। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि अगले सप्ताह से कड़ाकेदार ठंड पड़ने के आसार बढ़ गए हैं। एक साथ कई मौसमी गतिविधियां सक्रिय हो गई हैं।
लगातार आ रही हैं उत्तर ध्रुवीय हवाएं
पश्चिमी विक्षोभ से ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश होने लगी है। इसका असर भी गंगा के मैदानी इलाकों में आएगा। प्रशांत महासागर की सतह पर होने वाली जलवायु गतिविधि ला-नीना सक्रिय हो गई है। इसमें महासागर की सतह सर्द पड़ जाती है। ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। डॉ. पांडेय का कहना है कि ला-नीना सक्रिय होने पर कड़ाके की ठंड पड़ती है। उत्तर ध्रुवीय हवाएं लगातार आ रही हैं। इनके नीचे आने से जेट स्ट्रीम भी नीचे आ गई है। ये भी ठंडक बढ़ाएंगी।
12 साल बाद नवंबर रहा सबसे ठंडा
12 साल में इस बार नवंबर का अधिकतम और न्यूनतम औसत तापमान सबसे कम रहा है। इसके पहले वर्ष 2013 का नवंबर सबसे ठंडा रहा था। तब अधिकतम-न्यूनतम दोनों तापमानों में गिरावट आई थी। इस नवंबर में एक साथ अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान पिछले वर्षों की तुलना में कम रहे हैं। नवंबर 2025 का औसत अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री रहा है। मौसमी गतिविधियों में आए बदलाव ने नवंबर का तापमान कम कर दिया।
नवंबर में रात और दिन दोनों का पारा घटा रहा
सीएसए के मौसम विभाग में वर्ष 1971 से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2013 के बाद इस बार नवंबर में रात और दिन दोनों का पारा घटा रहा। वर्ष 2013 में औसत अधिकतम तापमान 27.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9.3 रहा था। सीएसए के मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2013 के पहले वर्षों के नवंबर माह में इतना कम औसत तापमान नहीं रहा था।
चक्रवाती हवाओं के घेरों की वजह से पारा अचानक गिरा
नवंबर का औसत तापमान घटने की वजह मौसमी गतिविधियों के जल्दी-जल्दी आए बदलने, हवाओं का रुख और समुद्र तल पर बदलाव माना जा रहा है। हिमालयी बर्फबारी के बाद उत्तरी-पश्चिमी हवाओं की निरंतरता के कारण भी पारा में उतार-चढ़ाव बना रहा है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और चक्रवाती हवाओं के घेरों की वजह से पारा अचानक गिरा। माहौल में नमी का प्रतिशत बढ़ गया। इसका असर भी तापमान पर आया।
बीते वर्षों के नवंबर माह में औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान
- वर्ष 2012: 28.3 डिग्री, 10.4 डिग्री।
- वर्ष 2013: 27.3 डिग्री, 09.3 डिग्री।
- वर्ष 2014: 28.8 डिग्री, 12.7 डिग्री।
- वर्ष 2015: 30.1 डिग्री, 11.6 डिग्री।
- वर्ष 2016: 29.3 डिग्री, 12.6 डिग्री।
- वर्ष 2017: 28.6 डिग्री, 12.2 डिग्री।
- वर्ष 2018: 28.8 डिग्री, 12.1 डिग्री।
- वर्ष 2019: 28.8 डिग्री, 15.1 डिग्री।
- वर्ष 2020: 27.5 डिग्री, 12.3 डिग्री।
- वर्ष 2021: 27.8 डिग्री, 12.6 डिग्री।
- वर्ष 2022: 28.5 डिग्री, 12.9 डिग्री।
- वर्ष 2023: 28.1 डिग्री, 13.1 डिग्री।
- वर्ष 2024: 25.8 डिग्री, 13.8 डिग्री।
तापमान कम होने से दालों का अंकुरण घटा
तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि नवंबर में तापमान कम होने का असर फसलों के अंकुरण पर पड़ा है। चना, मटर, मसूर का अंकुरण प्रतिशत तकरीबन 10 फीसदी घट गया। गेहूं के अंकुरण पर पांच प्रतिशत असर आया है। इसके अलावा दालों में कटुवा रोग, आलू में झुलसा रोग लग रहा है। झुलसा रोग का प्रकोप दिसंबर के आखिरी सप्ताह में होता रहा लेकिन इस बार नवंबर में आ गया।