कार्डियोलॉजी अग्निकांड में आईपीएस से लेकर इंस्पेक्टर और पुलिस व दमकल के जवानों ने मोर्चा संभाला। आईसीयू के भीतर चीख पुकार मची तो एक आईपीएस जान की परवाह किए बगैर इमारत के पीछे की तरफ की खिड़की से भीतर घुस गए।
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कार्डियोलॉजी अग्निकांड: आईपीएस ने लगाई जान की बाजी, इंस्पेक्टर ने दिखाई सूझबूझ तब सुरक्षित निकले मरीज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Mon, 29 Mar 2021 12:54 AM IST
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कानपुर: कार्डियोलॉजी के आईसीयू में लगी आग
- फोटो : अमर उजाला

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कार्डियोलॉजी अस्पताल के आईसीयू में लगी आग
- फोटो : अमर उजाला
कई मरीजों को उन्होंने बाहर निकाला। इधर इंस्पेक्टर स्वरूपनगर ने सूझबूझ दिखाई और खिड़कियों के शीशे तोड़ने लगे। आखिर में दमकल और पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला। आग की सूचना पर पुलिस कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर समेत अन्य प्रशासनिक अफसर पहुंचे।
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कानपुर: कार्डियोलॉजी के आईसीयू में लगी आग
- फोटो : अमर उजाला
इसके पहले स्वरूपनगर इंस्पेक्टर अश्विनी पांडेय और एडीसीपी वेस्ट आईपीएस डॉ. अनिल कुमार भी पहुंचे। तब मरीज और तीमारदार इधर उधर भाग रहे थे। उनकी छटपटाहट देखकर एडीसीपी अंदर पहुंचे और कई मरीजों और तीमारदारों को बाहर निकाला। दमकल और पुलिस जवानों ने आग बुझाई। वहां फंसे लोगों को बाहर निकाला।

मौके पर जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
- फोटो : amar ujala
रेस्क्यू में इंस्पेक्टर की रही अहम भूमिका
सबसे पहले मौके पर इंस्पेक्टर स्वरूपनगर पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। वार्ड में भरा धुआं देखकर इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पांडेय ने शीशे की खिड़कियां तोड़ना शुरू की। एक दो खिड़कियां तोड़ीं तो धुआं बाहर निकलना शुरू हुआ और लोग बाहर निकलने लगे। इसके बाद अन्य पुलिस अफसर व जवानों ने भी शीशे तोड़कर लोगों को बाहर निकालना शुरू किया।
सबसे पहले मौके पर इंस्पेक्टर स्वरूपनगर पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। वार्ड में भरा धुआं देखकर इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पांडेय ने शीशे की खिड़कियां तोड़ना शुरू की। एक दो खिड़कियां तोड़ीं तो धुआं बाहर निकलना शुरू हुआ और लोग बाहर निकलने लगे। इसके बाद अन्य पुलिस अफसर व जवानों ने भी शीशे तोड़कर लोगों को बाहर निकालना शुरू किया।
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खाली पड़े बेड
- फोटो : amar ujala
दम घुट रहा था लेकिन जवान हार नहीं माने
पूरा आईसीयू एयरकंडीशन है। लिहाजा पूरी तरह से कवर्ड एरिया है। धुआं निकलने का कोई रास्ता नहीं था। इसलिए भीतर एक मिनट रुकना भी दूभर था। इसके बावजूद दम घोंटू धुएं में दमकल के जवानों ने भीतर घुसकर आग बुझाई और जान बचाई। बीच-बीच में कुछ जवान भागकर बाहर आ रहे थे और फिर दोबारा भीतर जाकर मोर्चा संभाल रहे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन की अफसरों ने भी सराहना की।
पूरा आईसीयू एयरकंडीशन है। लिहाजा पूरी तरह से कवर्ड एरिया है। धुआं निकलने का कोई रास्ता नहीं था। इसलिए भीतर एक मिनट रुकना भी दूभर था। इसके बावजूद दम घोंटू धुएं में दमकल के जवानों ने भीतर घुसकर आग बुझाई और जान बचाई। बीच-बीच में कुछ जवान भागकर बाहर आ रहे थे और फिर दोबारा भीतर जाकर मोर्चा संभाल रहे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन की अफसरों ने भी सराहना की।