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हिस्ट्रीशीटर को पुलिस से छुड़ाने का मामला: नैतिकता भूल भाजपा जपती रही नारायण-नारायण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Fri, 04 Jun 2021 02:51 PM IST
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The case of freeing history sheeter from police: BJP kept chanting Narayan-Narayan by forgetting ethics
हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह, भाजपा नेता नारायण सिंह भदौरिया - फोटो : amar ujala
कानपुर में पुलिस पर हमला कर हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को हिरासत से छुड़ाने के आरोपी नारायण सिंह भदौरिया के मामले में सत्तारूढ़ दल भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा फर्क नजर आया। नैतिकता और संयम की दुहाई देने वाली पार्टी में आपराधिक इतिहास होने के बाद भी नारायण 13 साल से जिला स्तर से लेकर क्षेत्रीय इकाई में अहम पदों पर बना रहा। जबकि, उस पर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। अब नारायण की करतूत सामने आने के बाद संगठन के बड़े नेता उससे कन्नी काटने में लगे हैं। ताजा मामले में भी नारायण पर पार्टी की मेहरबानी खूब नजर आई। ऐसे संगीन मामले में पुलिस की ओर से नामजद रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी उसे सिर्फ पद से हटाया गया, जबकि घटना के वायरल वीडियो में दूध और पानी की तरह सब साफ नजर आ रहा है। पार्टी से उसका निष्कासन होगा या नहीं, यह प्रदेश भाजपा की जांच रिपोर्ट तय करेगी।
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The case of freeing history sheeter from police: BJP kept chanting Narayan-Narayan by forgetting ethics
पुलिस पर हमला कर अपराधी को भगाने का मामला - फोटो : अमर उजाला
सूत्रों के मुताबिक, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के एक नेता का करीबी नारायण आपराधिक इतिहास होने के बाद भी न सिर्फ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता में शामिल रहा, बल्कि समय-समय पर उसे संगठन की अहम जिम्मेदारियां भी मिलती रहीं। पुलिस रिकॉर्ड में नारायण पर पहली रिपोर्ट वर्ष 2006 में किदवईनगर थाने में दर्ज हुई थी।

 
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पुलिस पर हमला कर अपराधी को भगाने का मामला - फोटो : अमर उजाला
इसके बाद ही वह पार्टी में शामिल हुआ। तब से अब तक संगठन के पदाधिकारी उसे बड़ा नेता बनाते रहे। वर्ष 2017 से वह लखनऊ पुलिस के लिए वांछित अपराधियों में शामिल है। लखनऊ की कोर्ट उसके घर को कुर्क करने का आदेश भी दे चुकी है, लेकिन सत्ता के संरक्षण में वह हर बार बचता आया। ऐसा नहीं है कि पार्टी के आला पदाधिकारी अपने जिला मंत्री के आपराधिक इतिहास से अनजान रहे हों। मगर हर बार अहम पद देते समय इसे नजरअंदाज किया गया। बताते हैं कि पार्टी के ही एक बड़े पदाधिकारी का संरक्षण प्राप्त है, तभी 13 साल में एक बार भी अपराध नजर नहीं आए।

 
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पुलिस पर हमला कर अपराधी को भगाने का मामला - फोटो : अमर उजाला
भाजयुमो से ली पार्टी में एंट्री
पार्टी के ही सूत्र बताते हैं कि नारायण वर्ष 2008 से 2011 तक दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का जिलाध्यक्ष रहा है। एक बार युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बना। वर्ष 2012 से 2015 तक भाजयुमो के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष का पद मिला। उसके बाद दो बार भाजपा जिला मंत्री पद से नवाजा गया। वर्ष 2018 से वह इसी पद पर रहा।


 
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पुलिस पर हुआ हमला - फोटो : amar ujala
नारायण सिंह भदौरिया मेरे क्षेत्रीय अध्यक्ष बनने के पहले से पार्टी में पदाधिकारी है। इतने दिनों से ऐसा कोई पार्टी विरोधी कार्य सुनाई नहीं दिया। इस बार जो भी हुआ, उसके लिए पार्टी ने कार्रवाई कर दी है। जांच भी चल रही है। 24 घंटे में जांच रिपोर्ट आ जाएगी।
मानवेंद्र सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष, कानपुर-बुंदेलखंड इकाई भाजपा 

मुझे तो अभी तक यही नहीं पता था कि नारायण सिंह भदौरिया नाम का कोई शख्स पार्टी में है। गेस्ट हाउस कांड सामने आने के बाद पता चला। पार्टी की जिला इकाई से कहां चूक हुई, इसकी भी जांच करवाई जाएगी। पार्टी उसे संवैधानिक प्रक्रिया के तहत पार्टी से हटाएगी। पहले नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा, फिर आगे की कार्रवाई होगी।
सलिल विश्नोई, प्रदेश महासचिव, भाजपा
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