सब्सक्राइब करें

Vikas Dubey: बिकरू कांड में इस्तेमाल बंदूक फेसबुक पर, एमपी पुलिस ने जिसे बचाया वो कर रहा असलहा प्रदर्शन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Tue, 09 Mar 2021 01:22 PM IST
Vikas Dubey: gun used in bikru kand on facebook
पीली टी शर्ट में बंदूक के साथ बंटी - फोटो : amar ujala
विकास दुबे के भाई दीपक की सेमी ऑटोमैटिक राइफल व एक अन्य डबल बैरल बंदूक को बरामद करने में एमपी पुलिस के झूठ की कलई खुल रही है। एमपी पुलिस ने बसपा नेता के जिस रिश्तेदार बंटी सिंह यादव को बचाया, उसने खुद असलहों की फोटो फेसबुक पर पोस्ट की है। इसमें बिकरू कांड में इस्तेमाल हुई बंदूक भी शामिल है, जिसे भिंड पुलिस ने बरामद की थी।


 
Vikas Dubey: gun used in bikru kand on facebook
विकास दुबे कांड - फोटो : अमर उजाला
ऐसे तमाम साक्ष्यों को यूपी एसटीएफ ने जुटाया है, जिसके आधार पर तहकीकात जारी है। एसटीएफ की सूची में बंटी वांटेड है। उसकी तलाश में टीम लगी हैं। एसटीएफ के मुताबिक विकास दुबे के मददगार कानपुर देहात निवासी संजय परिहार ने भिंड निवासी बसपा नेता सत्यवीर सिंह यादव के जरिये बिकरू कांड में इस्तेमाल असलहों का सौदा किया।

 
Vikas Dubey: gun used in bikru kand on facebook
विकास दुबे कांड - फोटो : अमर उजाला
ये सौदा सत्यवीर की तरफ से उसके रिश्तेदार मनीष यादव ने किया। दीपक की राइफल व बंदूक सत्यवीर के रिश्तेदार बंटी सिंह यादव व मंगल सिंह ने खरीदी। इसमें सत्यवीर की रकम लगी लेकिन भिंड पुलिस ने दो अन्य लोगों अभिषेक शर्मा व आकाश को दोनों असलहों के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया। असलहों की खरीद फरोख्त से भिंड पुलिस ने बंटी और मंगल का नाम शामिल नहीं किया।

 
Vikas Dubey: gun used in bikru kand on facebook
विकास दुबे कांड - फोटो : amar ujala
एसटीएफ की कहानी के इतर खुलासा किया। हालांकि ये साफ नहीं किया कि अभिषेक व मंगल तक असलहे कैसे पहुंचे। इस बीच एसटीएफ ने सोशल मीडिया के जरिये बंटी का तमाम डाटा जुटाया। जिसमें एक वो फोटो भी शामिल है, जिसमें वह डबल बैरल बंदूक लेकर खड़ा है। इसको अब भिंड पुलिस भी नकार नहीं पाएगी। ये सभी सुबूत अहम हैं। इसी के आधार पर एसटीएफ बंटी व मंगल की तलाश कर रही है। 

 
Vikas Dubey: gun used in bikru kand on facebook
विकास के घर से मिला था कारतूस का जखीरा - फोटो : amar ujala
आखिर कहां गए कारतूस 
भिंड पुलिस ने दोनों आरोपियों को घर से गिरफ्तार कर असलहे भी बरामद किए थे। हालांकि पुलिस को एक भी कारतूस नहीं मिला। सवाल है कि राइफल के 30.06 बोर के कारतूस आखिर कहां गए। आरोपियों ने कारतूस ठिकाने लगाए या फिर कुछ और मामला है। एसटीएफ के टास्क में कारतूस खोजना भी शामिल है।  

 
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed