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Vikas Dubey: विकास दुबे की मदद करने वालों के पुलिस ने दर्ज किए बयान, बताई हथियार खरीदनेे की पूरी कहानी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Tue, 09 Mar 2021 12:56 PM IST
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Vikas Dubey: Police recorded statements of those who helped Vikas Dubey, told the full story of buying weapons
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
कानपुर की चौबेपुर पुलिस ने बिकरू कांड के आरोपियों के मददगारों के बयान जेल में जाकर दर्ज किए हैं। दहशतगर्दों को पनाह देने वालों ने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म कबूला है। विकास दुबे और उसके गुर्गों ने कैसे और कहां फरारी काटी ये पूरी कहानी बताई है।
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Vikas Dubey: Police recorded statements of those who helped Vikas Dubey, told the full story of buying weapons
विकास दुबे कांड - फोटो : अमर उजाला
असलहों की खरीदारी करने वाले ने साफ-साफ बताया है कि बसपा नेता के रिश्तेदार बंटी व मंगल ने राइफल व बंदूक खरीदी थी। इस बयान से मध्य प्रदेश पुलिस की पोल खुल गई और झूठ का पर्दाफाश हो गया है। एसटीएफ ने एक मार्च को खुलासा करते हुए बदमाशों की मदद करने वाले विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला, रामजी उर्फ राधे, अभिनव तिवारी, संजय परिहार और शुभम पाल के साथ असलहों की खरीद-फरोख्त करने वाले मनीष यादव उर्फ शेरू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

 
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विकास दुबे कांड - फोटो : amar ujala
सेमी ऑटोमैटिक राइफल समेत असलहों का जखीरा बरामद किया था। बिकरू कांड की जांच कर रही एसपी ग्रामीण नेतृत्व की एसआईटी के सह विवेचक ने इन सभी के बयान कोर्ट से अनुमति लेकर लिए। मददगारों ने बताया कि सबसे पहले प्रभात मिश्रा ने विष्णु से संपर्क किया था।

 
Vikas Dubey: Police recorded statements of those who helped Vikas Dubey, told the full story of buying weapons
विकास दुबे कांड - फोटो : amar ujala
उसके बाद आगे लोगों से संपर्क होता रहा और विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा पांच जुलाई तक कानपुर देहात में रहे उसके बाद फरीदाबाद चले गए।  असलहों की खरीद-फरोख्त कराने वाले मनीष यादव ने पुलिस को जो बातें बताईं वो एसटीएफ के दावों को पुष्ट करती हैं।

 
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विकास दुबे कांड - फोटो : amar ujala
उसने बताया कि संजय परिहार के जरिये उसको बिकरू कांड में इस्तेमाल किए गए असलहे मिले। सौदा बसपा नेता सत्यवीर सिंह यादव के भिंड स्थित होटल में तय हुआ। बंटी व मंगल ने असलहों की टेस्टिंग की और फिर खरीदारी कर चले गए। भिंड पुलिस के गुडवर्क में बंटी व मंगल का नाम तक नहीं है। उन्होंने अभिषेक व आकाश को जेल भेजा है। मनीष के बयानों से भिंड पुलिस का झूठ खुल गया है।
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