तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से आने वाली हर तस्वीर झकझोर देने वाली है। जो अफगानिस्तान में है वह किसी भी हाल में देश छोड़ना चाहता है, जो दूसरे देश में वह पलटकर अपने देश नहीं जाना चाहता। अफगानिस्तान पर आई आफत ने लाखों जिंदगियों को बर्बाद कर दिया है। लोग हिंदुस्तान में रह रहे अपने बच्चों रिश्तेदारों से वतन न लौटने की सलाह दे रहे हैं। मेरठ में पढ़ रहे अफगानिस्तान के कुछ छात्रों से अमर उजाला ने बातचीत की।
खौफ में जिंदगी: मेरठ में पढ़ रहे मंगेतर से वीडियो कॉल पर रोते हुए बोली जुलेखा- मत लौटना अफगानिस्तान
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर से एमएससी कर रहे चार अफगानी छात्रों से अमर उजाला संवाददाता ने बातचीत की।
मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर से एमएससी कर रहे चार अफगानी छात्रों से अमर उजाला संवाददाता ने बातचीत की।
छात्र टीवी बाजोरी ने बताया कि कुछ ही माह पहले उसकी जुलेखा शादी तय हो गई है। परिवार खुश था, यहां तक कि वह यहां रहकर निकाह के लिए शॉपिंग भी कर रहे थे। यहां से लौटते ही जुलेखा से निकाह होना था, लेकिन अचानक सब खुशियां काफूर हो गईं। अब केवल दोनों परिवारों की फिक्र है।
घर में चल रही थी शादी की तैयारी
छात्र टीवी बाजोरी ने बताया कि उसके घर में शादी की तैयारियां चल रही थी, लेकिन अब सभी दहशत में हैं। परिवार और मंगेतर जुलेखा से वीडियो कॉल पर बात होती है। उनके चेहरों पर दहशत साफ दिखती है।
उन्होंने बताया कि जुलेखा ने रोते हुए मुझसे कहा कि अफगानिस्तान मत लौटना, हम तो घर में कैद हैं। बाजोरी कहते हैं कि क्या होगा नहीं जानते, बस यह राहत है कि अभी तक परिवार के सदस्य सुरक्षित हैं।
कुंदुज शहर निवासी छात्र एतेहाद का कहना है कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिंदगी की सबसे मुश्किल घड़ी में वह परिवार के साथ नहीं होंगे।
पूरे अफगानिस्तान के लिए वजूद का संकट खड़ा हो गया है। किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हर तरफ आंसू, बेबसी और लाचारी है। परिवार सहमा हुआ है। महिलाएं और बच्चे भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। हम यहां सोचकर ही डरे हुए हैं, उन पर तो गुजर रही है।
हर व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। मीडिया और परिवार के जरिए तालिबानियों की क्रूरता के बातें सुन रहे हैं। पूरा देश बेहद मजबूर हो गया है। हमारे भविष्य का भी कुछ पता नहीं है।