किसी घर में दुआ हो रही है तो किसी घर में प्रार्थना का दौर चल रहा है। ये वो परिवार हैं जिन्होंने अपने जिगर के टुकड़ों को यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने भेजा था। लेकिन भविष्य संवारने के सपने संजोकर जाने वाले इन छात्र-छात्राओं को वहां युद्ध के हालात का सामना करना पड़ गया। अब तक 20 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अपने घर लौट चुके हैं। शनिवार को भी 10 से ज्यादा बच्चे अपने घर पहुंच गए। बच्चों को देखते ही गले लगा लिया। नम आंखों से बस यही बोले, ऊपर वाले तुम्हारा शुक्रिया... बच्चे सकुशल घर आ गए। बच्चों ने बताया कि किसी तरह मौत के मुंह से बचकर आए हैं। हर तरफ धमाके हो रहे थे... खाने को भी कुछ नहीं बचा था।
यूक्रेन से लौटे लाडलों की दर्दनाक कहानियां: भूखे-प्यासे रहकर गुजारे दिन, छात्र बोले- मौत के मुंह से बचकर पहुंचे घर, तस्वीरें
घर पहुंचने की खुशी, भविष्य की चिंता
सूर्या पैलेस निवासी मानसी शर्मा खारकीव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। शनिवार को मानसी घर लौटीं तो परिजनों की आंखें भर आईं। मानसी ने बताया कि घर पहुंचने की खुशी है, लेकिन भविष्य की चिंता भी सता रही है। मानसी ने बताया कि नौ दिन तक बहुत समस्याएं झेली लेकिन, साहस नहीं छोड़ा। कंकरखेड़ा की ख्याति कौशल भी मानसी के साथ थीं। मानसी ने बताया कि 27 फरवरी को दोनों कैब से रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। 20 घंटे भूखे-प्यासे सफर कर लवीव और वहां से पोलैंड बॉर्डर पहुंचे। कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। 14 घंटे लग गए। चार मार्च की सुबह फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे।
यकीन नहीं था कि बच पाएंगे
रोहटा रोड निवासी काजल वर्मा और मलियाना निवासी प्रियांशु प्रभाकर भी शनिवार को मेरठ पहुंच गए। उन्होंने बताया कि जब तक यूक्रेन की सीमा से नहीं निकले तब तक यकीन नहीं हो रहा था कि अब बच पाएंगे।
अनुष्का को देखते ही भावुक हुए परिजन
गढ़ रोड अजंता कॉलोनी जनकपुरी निवासी डॉ. डीपी सिंह की बेटी अनुष्का चौधरी शनिवार को घर लौटीं तो परिजन भावुक हो गए। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी घर जाकर अनुष्का से हाल जाना।
एंबेसी ने नहीं की कोई मदद
श्यामनगर निवासी डॉ. उजैर लइक ने बताया कि वह कीव मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहे हैं। बमबारी होने के कारण 24 फरवरी से 27 फरवरी तक बंकर में रहना पड़ा। केक और बिस्कुट के सहारे चार दिन बिताए। एंबेसी से कोई मदद नहीं मिली तो ट्रेन से लवीव होते हुए टैक्सी से हंगरी बॉर्डर पर पहुंचे।
यूक्रेन से लौटे बच्चों से मिले व्यापारी नेता
भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा ने शनिवार को यूक्रेन से लौटे कई छात्रों का घर जाकर हाल जाना। गंगानगर में श्वेता सैनी, मलियाना में प्रियांशु प्रभाकर, मवाना में अभिषेक राणा को फूलों का गुलदस्ता और मोतियों की माला पहनाकर स्वागत किया।
प्रिया ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
मोदीपुरम में दुल्हैड़ा चुंगी स्थित पूर्व जिला पंचायत सदस्य ललित चौहान के कार्यालय पर शनिवार को यूक्रेन से लौटी बफावत गांव निवासी नरेश कुमार की बेटी प्रिया धनकड़ का स्वागत किया गया। प्रिया ने युद्ध में तबाही की तस्वीर बयां की। प्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनरल वीके सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से छात्रों को परेशानी नहीं आई।
अभिषेक को देखते ही रो पड़े परिजन
मवाना में विवेक विहार कॉलोनी निवासी अभिषेक राणा शनिवार सुबह घर पहुंचे तो परिजनों की आंखें नम हो गईं। अभिषेक ने बताया कि यूक्रेन से पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचने के लिए 35 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। अभिषेक ने बताया कि भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन के सैनिक अभद्रता कर रहे थे। हमें पूरी रात, खुले आसमान के नीचे माइनस-5 के तापमान में रात गुजारनी पड़ी। खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी।