विकास की बात: लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर बनेगा बिजली बंबा बाईपास, सीएम ने मेरठ विकास योजनाओं की समीक्षा की
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन की नगरीय विकास योजनाओं की समीक्षा में कहा कि शहरों का स्वरूप आधुनिकता, स्थानीय पहचान और संस्कृति के संतुलन के साथ तैयार हो। मेरठ में बिजली बंबा बाईपास को ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर पीपीपी मोड में विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए गए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन की नगरीय विकास योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि शहरों का विकास केवल सड़कों और इमारतों तक सीमित न रहे। उनका स्वरूप स्थानीय पहचान, इतिहास और संस्कृति के साथ आधुनिक सुविधाओं का संतुलन दर्शाए। सभी योजनाओं को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाए।
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बैठक में मेरठ की 111 प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिन्हें अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक श्रेणियों में बांटकर समयसीमा तय की गई है। पहले चरण में वर्ष 2025-26 के दौरान 11 प्राथमिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मेरठ में प्रस्तावित बिजली बंबा बाईपास को लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। यह परियोजना पीपीपी मोड में लागू किए जाने पर विचार किया जाएगा।
यातायात सुगमता को प्राथमिकता देते हुए बिजली बंबा बाईपास समेत लिंक रोड, हापुड़ अड्डा–गांधी आश्रम चौड़ीकरण, ईस्टर्न कचहरी रोड, सूरजकुंड चौराहा, कय्यूमनगर पार्क, 19 प्रमुख चौराहों पर जंक्शन इंप्रूवमेंट, संजय वन, स्मार्ट रोड और यूनिवर्सिटी रोड क्षेत्रीय पुनर्विकास जैसी परियोजनाएं भी प्रस्तावित हैं। शताब्दी नगर एसटीपी से मोहकमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक जल पुनर्चक्रण व्यवस्था भी योजना में शामिल है।
बिजली बंबा बाईपास को 80 करोड़ रुपये की लागत से चौड़ा करने की तैयारी की जा रही है। यह मार्ग प्रतिदिन 80 से 90 हजार वाहनों का भार झेलता है, जबकि रैपिड कॉरिडोर के निर्माण से पहले यह संख्या 35 से 40 हजार के करीब थी। बढ़ते दबाव के कारण सात किलोमीटर लंबे इस मार्ग को चौड़ा करना बेहद आवश्यक माना जा रहा है। बाईपास के चौड़ा होने से दिल्ली रोड पर जाम की समस्या में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।