बारकोड डलते ही खुली सच्चाई: एक मतदाता के 36, दूसरे के 33 वोट! एसआईआर में फर्जी वोटर नेटवर्क का पर्दाफाश
मेरठ में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक मतदाता के 36 और दूसरे के 33 वोट अलग-अलग जिलों में दर्ज पाए गए। बीएलओ ने मामला अधिकारियों को भेजा, वहीं दूसरी ओर सर्वे कर रही महिला बीएलओ पर गांव में हमला भी हुआ।
विस्तार
मेरठ में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) में फर्जी वोटर का पर्दाफाश होने लगा है। एक मतदाता के 36 और दूसरे के 33 वोट विभिन्न जिलों में पाए गए हैं। जागृति विहार में राकेश कुमार त्यागी नामक मतदाता के चार अलग-अलग जिलों में 36 वोट मिले हैं और उनके पड़ोसी गोपाल के 33 वोट कई जिले में पाए गए हैं। इस चौंकाने वाले खुलासे ने बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को हैरान कर दिया है और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित कर दिया है।
जागृति विहार सेक्टर-8 स्थित प्राइमरी स्कूल में एसआईआर अभियान में गणना प्रपत्र जमा करने की प्रक्रिया बीएलओ द्वारा कराई जा रही थी। राकेश कुमार और गोपाल ने फॉर्म देकर उसे ऑनलाइन ब्योरा दर्ज कराने के लिए कहा। बीएलओ ने दोनों फॉर्म के बारकोड को सर्च किया तो उनकी दूसरे जनपदों में वोट मिली।
राकेश त्यागी ने बताया है कि उनकी वोट मेरठ और प्रतापगढ़ सहित 36 अलग-अलग स्थानों पर दर्ज है। उम्र अलग-अलग दर्ज थी। गोपाल के 33 वोट मेरठ, अलीगढ़, मथुरा जैसे कई जनपदों में पाए गए। बताया जा रहा है कि यह दो ही मतदाता नहीं हैं अन्य बहुत सारे मतदाताओं के दूसरे जिले में फर्जी वोट बने हुए हैं। एक-एक मतदाता के कई वोट अलग-अलग जनपदों में होने की जानकारी लगने पर लोगों की भीड़ लग गई और अपने अपने फॉर्म पर बने बारकोड को सर्च करने लगे।
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राकेश कुमार और गोपाल की जो वोट फर्जी मिली हैं। उनके मतदाता, उनके पिता का नाम व फोटो एक ही हैं। कुछ वोटों में आयु भी एक ही लिखी गई है। जबकि पता अलग-अलग लिखा गया है। आशंका है कि सिमकार्ड आदि लेने के लिए दिए गए आधार कार्ड आदि की कॉपी से उनके नाम की फर्जी वोट बनाईं गईं हैं।
बीएलओ ने दी जानकारी मामला उच्च अधिकारियों तक
इस प्रकरण की जानकारी मिलते ही बूथ पर खलबली मच गई। बीएलओ निशा शर्मा ने दोनों मतदाताओं को समझाया। मेरठ के पते के साथ गणना प्रपत्र को डिजिटल करने की प्रक्रिया बताई। बीएलओ के अनुसार दोनों मतदाता ने बेवजह इस मामले को तूल देने का प्रयास कर रहे हैं। इस गंभीर प्रकरण की जानकारी संबंधित उच्च अधिकारियों को दी है जो इस मामले की जांच कर रहे हैं। यह घटना निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देती है।
परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के अमीनाबाद उर्फ बड़ा गांव में एसआईआर सर्वे कर रही महिला बीएलओ सविता के साथ गांव के ही ललित उर्फ राजू ने अभद्रता करते हुए डंडे से हमला कर उन्हें घायल कर दिया। आरोपी ने एसआईआर का फार्म नहीं भरा।
परीक्षितगढ़ पुलिस ने पीड़िता की ओर से उस पर हमला, सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बीएलओ सविता अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव में परिषदीय विद्यालय में सहायक शिक्षिका हैं। साथ ही वह बीएलए की भी जिम्मेदारी निभा रही हैं। इन दिनों एसआईआर के फॉर्म भरने का कार्य कर रही हैं।
गांव के ललित उर्फ राजू ने पूर्व में बीएलओ की शिकायत अधिकारियों से की थी। आरोप है कि बीएलओ सविता बुधवार शाम चार बजे जब ललित उर्फ राजू के घर एसआईआर फार्म के वेरिफिकेशन के लिए पहुंचीं तो उसने फॉर्म भरने से मना कर दिया। पहले की शिकायत को भी लेकर दोनों में कहासुनी हुई। सीओ सदर देहात शिव प्रताप सिंह ने कहना है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी
एसआईआर में चुनौती...
एसआईआर लागू कराने में जिला प्रशासन के सामने चुनौती हैं। 16 दिन में 27 लाख मतदाता में से कुल 1.13 लाख मतदाता ही गणना प्रपत्र भर पाए हैं। बीएलओ द्वारा 97 फीसदी गणना प्रपत्र वितरित करने का दावा किया गया है।
मतदाताओं द्वारा फॉर्म भरकर बीएलओ को जमा नहीं कराया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अब गली-मोहल्लों में वालंटियर बनाने की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि खुद ही मतदाता का फॉर्म भरकर बीएलओ से डिजिटल कराया जा सके।
चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. वीके सिंह ने जिले में 2758 बीएलओ बनाकर गणना प्रपत्र 97 फीसदी वितरित करा दिए हैं, लेकिन मतदाता फॉर्म भरकर वापस बीएलओ के पास जमा नहीं कर रहे हैं।
चार नवंबर 2025 से अब तक कुल 1.13 लाख मतदाता को ही बीएलओ डिजिटल पर अपलोड कर पाए, जबकि जनपद में 27 लाख मतदाता है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह का कहना कि मतदाताओं को दो-तीन दिन में फॉर्म बीएलओ के पास जमा कर देना चाहिए ताकि वह उनको डिजिटल कर सके।
डीएम डॉ. वीके सिंह ने बताया कि जिन मतदाताओं को गणना प्रपत्र मिल गया वह 3 दिन में फॉर्म भरकर बीएलओ के पास जमा कर दें अन्यथा नई मतदाता सूची में नाम शामिल नहीं होगा। वहीं, नई मतदाता सूची में यदि मतदाता का अलग-अलग जगह पर नाम हैं तो वह एक ही गणना प्रपत्र भरकर हस्ताक्षर सहित बीएलओ को जमा करें। फॉर्म पर हस्ताक्षर सहित एक से अधिक जगह बीएलओ को गणना भरकर देने वालों के रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। इसमें एक साल की सजा हो सकती है।
नाम न हो तो घबराएं नहीं
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि 2025 की वोटर लिस्ट में जिन-जिन मतदाताओं के नाम हैं, उनके ही एसआईआर के तहत गणना प्रपत्र वितरित किया गया है। जिन मतदाताओं के पास गणना प्रपत्र नहीं पहुंच रहा तो वह घबराएं नहीं। हो सकता है कि 2025 की वोटर लिस्ट में उनका नाम न हो। 2003 या उसके बाद की वोटर लिस्ट में नाम है तो वह मतदाता फॉर्म-6 भरेंगे।