
{"_id":"622702e8fbfbfe1ebc0c5734","slug":"world-women-s-day-2022-meerut-s-daughter-will-give-message-of-women-empowerment-by-traveling-5-thousand-km","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"विश्व महिला दिवस 2022: मेरठ की बेटी 5 हजार किमी.यात्रा से देगी महिला सशक्तीकरण का संदेश","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
विश्व महिला दिवस 2022: मेरठ की बेटी 5 हजार किमी.यात्रा से देगी महिला सशक्तीकरण का संदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Tue, 08 Mar 2022 12:48 PM IST
विज्ञापन

हिमांशु सिरोही
- फोटो : अमर उजाला
बीएसएफ सीमा भवानी ग्रुप की कैप्टन मेरठ की बेटी हिमांशु सिरोही आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 5 हजार 280 किमी. यात्रा की शुरूआत करेंगी। महिला सशक्तीकरण का संदेश देने के लिए देशभर की 36 बेटियां ग्रुप के साथ 350 सीसी इनफील्ड पर दिल्ली से यात्रा का आगाज करेंगी।

Trending Videos

हिमांशु सिरोही
- फोटो : अमर उजाला
हाल में ही वो प्रमोशन होकर इंस्पेक्टर बनी हैं। वो जांबाज महिलाओं का ग्रुप सीमा भवानी टीम की कैप्टन भी हैं। इनफील्ड मोटसाइकिल पर हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए टीम को लीड करती हैं। हाल में बीएसएफ के स्थापना दिवस पर उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को सलामी दी थी, जबकि 26 जनवरी को राजपथ पर हिमांशु को राष्ट्रपति को सलामी देने का गौरव प्राप्त हुआ।
विज्ञापन
विज्ञापन

डॉ. शैव्या सिरोही
- फोटो : अमर उजाला
छोटी बहन ने केजीएमयू में पीजी में पाया प्रवेश
हिमांशु सिरोही की छोटी बहन डॉ. शैव्या सिरोही ने लखनऊ केजीएमयू से एमबीबीएस किया है। जबकि पीजी में तीसरी रैंक हासिल कर केजीएमयू में ही प्रवेश किया है। पिता दुष्यंत सिरोही सहित माता सुनीता सिरोही, छोटे भाई द्रोणवीर सिरोही ने कहा हमें अपनी बेटियों पर गर्व है।
हिमांशु सिरोही की छोटी बहन डॉ. शैव्या सिरोही ने लखनऊ केजीएमयू से एमबीबीएस किया है। जबकि पीजी में तीसरी रैंक हासिल कर केजीएमयू में ही प्रवेश किया है। पिता दुष्यंत सिरोही सहित माता सुनीता सिरोही, छोटे भाई द्रोणवीर सिरोही ने कहा हमें अपनी बेटियों पर गर्व है।

मानसी, राष्ट्रीय स्तरीय खिलाड़ी
- फोटो : अमर उजाला
लड़कियां किसी से पीछे नहीं
देहात के क्षेत्रों में पहले लड़कियों को खेलने के लिए बाहर नहीं भेजा जाता था। अब गांव की लड़कियां ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रही हैं। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। -मानसी, राष्ट्रीय स्तरीय खिलाड़ी
देहात के क्षेत्रों में पहले लड़कियों को खेलने के लिए बाहर नहीं भेजा जाता था। अब गांव की लड़कियां ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रही हैं। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। -मानसी, राष्ट्रीय स्तरीय खिलाड़ी
विज्ञापन

रुपल, राष्ट्रीय धाविका
- फोटो : अमर उजाला
खेल में कॅरियर बनाएं लड़कियां
इस समय शहर में लड़कों से ज्यादा पदक लड़कियों ने ही झटके हैं। खेल में अब अभिभावक लड़कियों का भी कॅरियर देख सकते हैं। सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में महिलाओं ने नाम रोशन किया हे। -रुपल, राष्ट्रीय धाविका