सब्सक्राइब करें

एक इंजेक्शन से खत्म हो जाएगा घुटने का दर्द, जानें और क्या है खासियत

amarujala.com- Written by: तबस्सुम Updated Sat, 10 Jun 2017 06:57 PM IST
विज्ञापन
Knee Pain will end with an injection, learn what is and what is the USP
पीजीआई में मरीज को महंगा पड़ता है घुटना ट्रांसप्लांट - फोटो : Demo Pic

भागदौड़ भरी जिंदगी में आम हो चुकी घुटनों में दर्द की समस्या से जल्द लोगों को निजात मिल सकेगी। अब न रोजाना दर्द की दवा लेने की जरूरत और ना ही घुटने का ऑपरेशन कराने का झंझट, केवल एक इंजेक्शन से ही घुटने का दर्द खत्म हो जाएगा। आगे की स्लाइड में जानें कब तक बाजार में आ जाएगा यह  इंजेक्‍शन...

loader
Trending Videos
Knee Pain will end with an injection, learn what is and what is the USP
ws - फोटो : getty images

आईआईटी बीएचयू और आईएमएस बीएचयू ने पांच साल के शोध में इस समस्या का समाधान निकाल लिया है। शोध का चूहों पर परीक्षण किया जा चुका है। इंसानों पर इसका परीक्षण बाकी है। आईआईटी बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग और आईएमएस के आर्थोपेडिक विभाग ने घुटने के दर्द से लोगों को निजात देने के लिए कार्टिलेज टिशू रिपेयर प्रोडक्ट तैयार किया है।

विज्ञापन
विज्ञापन
Knee Pain will end with an injection, learn what is and what is the USP
पीजीआई में मरीज को महंगा पड़ता है घुटना ट्रांसप्लांट - फोटो : Demo Pic

इसे तैयार करने के लिए एक रिएक्टर मशीन भी बनाई गई है। इस मशीन की मदद से घुटने में पाए जाने वाले कार्टिलेज टिशू आर्टिफिशियल तौर पर बनाया जाता है। ये एक तरह से जीवित कोशिका ही है। बता दें कि घुटने में पाए जाने वाले कार्टिलेज टिशू में खराबी आने से ही घुटने में दर्द की समस्या आती है।

Knee Pain will end with an injection, learn what is and what is the USP
पीजीआई में घुटना और हिप ट्रांसप्लांट के रेट तय

आईआईटी बीएचयू के प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि घुटने में कांड्रोसाइट सेल होती है जिसमें रक्त नहीं पाया जाता। ऐसे में जब घुटना खराब होता है तो रक्त न होने की वजह कोशिकाएं बननी बंद हो जाती हैं। इस स्थिति में घुटने का ऑपरेशन कर वहां नए कार्टिलेज टिशू स्थापित किए जाते हैं।

विज्ञापन
Knee Pain will end with an injection, learn what is and what is the USP
pain - फोटो : pain

हमने जो रिएक्टर मशीन बनाई है, उसमें हम इसी कोशिका को दवा के रूप में तैयार करते हैं जिसे कि इंजेक्शन के तौर पर मरीज को लगाया जाएगा। कार्टिलेज टिशू रिपेयर प्रोडक्ट और रिएक्टर मशीन दोनों का ही पेटेंट लिया जा चुका है। शोध में आईएमएस के हड्डी रोग विभाग के प्रो. अमित रस्तोगी, डॉ. भीषम नारायण सिंह, डॉ. शारदा मलिक ने भी सहयोग किया है।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed