धर्म, संस्कृति, शिक्षा, आस्था, सभ्यता, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की प्राचीनतम नगरी काशी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। काशी विश्वनाथ के अलावा शहर में हजारों मंदिर है। इन मंदिरों में एक मंदिर बेहद खास है। इसका नाम है तुलसी मानस मंदिर। यहां जो भी दर्शनार्थी आता है वो यहां की बनावट देख खो जाता है। आगे की स्लाइड्स में देखें..
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काशी का यह मंदिर है खास, हर दीवार पर सजी हैं रामचरितमानस की चौपाइयां और दोहे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Updated Tue, 04 Dec 2018 10:46 AM IST
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tulsi manas mandir
- फोटो : अमर उजाला

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वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से सात किमी दूर स्थित है दुर्गाकुंड और इसी के पास स्थित है काशी का मनोरम तुलसी मानस मंदिर। इस मंदिर की सभी दीवारें रामचरितमानस की दोहे और चौपाइयां से सजी हैं।
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तुलसी मानस मंदिर काशी के आधुनिक मंदिरों में से एक बहुत ही मनोरम स्थल है। यह मंदिर शांति का प्रतीक है। यहां प्रवेश करते ही मन को शांति मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकी भव्यता की तारीफ की है।

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कहा जाता है कि इस स्थान पर तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की थी। यही कारण है कि इसे तुलसी मानस मंदिर कहा जाता है। यहां मधुर स्वर में संगीतमय रामचरितमानस संकीर्तन गुंजायमान रहता है।
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स्थानीय निवासियों के अनुसार, पहले यहां एक छोटा मंदिर हुआ करता था। सन 1964 में कलकत्ता के एक व्यापारी सेठ रतनलाल सुरेका ने सफेद संगमरमर से एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था।