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शाम 5:30 से 6:30 के बीच होलिका दहन शुभ
ब्यूरो/अमर उजाला, हापुड़
Updated Tue, 22 Mar 2016 08:40 PM IST
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होलिका दहन
- फोटो : demo pic
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फाल्गुनी पूर्णिमा का योग बुधवार शाम 5.50 बजे तक रहेगा, इसके बाद प्रतिपदा का आगमन हो होगा। शाम 5:30 से 6:30 के बीच होलिका दहन करना शुभ होगा। भद्राकाल में बिल्कुल होली न जलाएं। वहीं हापुड़ के श्री चंडी मंदिर पर भीड़ उमड़ने के चलते रूट डायवर्जन किया जाएगा।
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भद्रा की तीन घड़ी शुभ मानी गई हैं, जिस कारण इस बार होली दहन को लेकर धर्माचार्य और ज्योतिषाचार्यों में मतांतर की स्थिति है। हालांकि ज्योतिषाचार्यों शाम 05:30 से 06:30 बजे के बीच होलिका दहन शुभ है। क्योंकि प्रदोष काल (शाम) में ही होलिका दहन शुभ होता है।
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सुबह 12 से दोपहर डेढ़ बजे तक राहु काल का योग है। जिसमें पूजा करना शुभ नहीं है। चौघड़िया मुहूर्त में सुबह 06:40 से सुबह 08 बजे तक लाभ चौघड़िया है। सुबह 8 से 9:30 बजे तक अमृत चौघड़िया, 11 से 12 बजे तक शुभ चौघड़िया है। जिसमें होलिका पूजा करना शुभ है।
वहीं बुधवार को प्राचीन श्री चंडी मंदिर पर होलिका का पूजन करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ेगी। इसलिए पुलिस ने चंडी रोड पर भारी वाहनों का डायवर्जन करेगी। ज्योतिषाचार्य संतोष तिवारी ने बताया कि इस दिन नरसिंह भगवान की पूजा का विशेष महत्व है।
होलिका की परिक्रमा करते समय श्रद्धालुओं को नरसिंह भगवान का नाम लेते रहना चाहिये। होलिका दहन में देशी घी में भीगी हुई एक जोड़ा लौंग, बताशा सहित पान पर रखकर अपर्ण करने से घर में सुख-शांति की वृद्धि होती है।
उन्होंने बताया कि होलिका दहन के समय होलिका में सूखे नारियल, पीली सरसों, गोमती चक्र डालने से घर में आने वाली समस्त विघ्न बाधाओं का निवारण हो जाता है। होलिका में देशी घी में भीगे हुये गाय के गोबर के कंडे, राई, उबटन, लकडिंयां, चंदन, आदि डालना शुभ होता है।
आर्य समाज मंदिर के उपप्रधान सुरेंद्र कबाड़ी ने बताया कि आर्य समाज में होलिका दहन का कोई समय नहीं होता। क्योंकि शाम 06 बजे से हवन आयोजित किया जायेगा। जो करीब डेढ़ घंटा तक चलेगा। शाम साढ़े सात बजे के बाद ही होलिका दहन किया जायेगा।
होलिका दहन के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। चंडी मंदिर के पास सादी वर्दी में पुलिस तैनात रहेगी। श्री चंडी मंदिर रोड पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। - विशाल यादव, सीओ सिटी
