{"_id":"6914b55ee28bfe032a05eddf","slug":"court-sentences-husband-and-brother-in-law-for-harassing-woman-2025-11-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"UP: पति और देवर करते थे उत्पीड़न, विरोध करने पर लगाया करंट; दोनों आरोपियों को 25 साल बाद मिली सजा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP: पति और देवर करते थे उत्पीड़न, विरोध करने पर लगाया करंट; दोनों आरोपियों को 25 साल बाद मिली सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Wed, 12 Nov 2025 09:58 PM IST
सार
महिला का आरोप था कि अतिरिक्त दहेज के पति और देवर उत्पीड़न करते थे। पिता ने 24 हजार रुपये दिए इसके बाद भी उत्पीड़न कम नहीं हुआ। 15 हजार रुपये की और मांग करने लगे।
विज्ञापन
कोर्ट
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
दहेज उत्पीड़न, मारपीट के मामले में अदालत ने 25 साल बाद थाना न्यू आगरा क्षेत्र के शांतिनगर निवासी ओम प्रकाश (पीड़िता के पति) और देवर प्रकाश चंद को दोषी माना। सीजेएम मृत्युंजय श्रीवास्तव ने दोनों को 3-3 साल कारावास और 72 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
दर्ज केस के अनुसार मथुरा के थाना यमुनापार क्षेत्र के अयोध्या नगर निवासी सिया देवी ने 6 फरवरी 1999 को तहरीर दी थी। आरोप लगाया था कि उनकी शादी घटना से 5 साल पहले थाना न्यू आगरा क्षेत्र के शांतिनगर निवासी ओमप्रकाश के साथ हुई थी।
पति व अन्य ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज के लिए उत्पीड़न करते थे। पिता ने 24 हजार रुपये दिए इसके बाद भी उत्पीड़न कम नहीं हुआ। 15 हजार रुपये की और मांग करने लगे। विरोध पर करंट लगाया। पुलिस ने आरोपी पति और देवर के विरुद्ध केस दर्ज किया। 18 मार्च 1999 को गिरफ्तार कर आरोपी जेल भेजे गए। चार दिन बाद ही विवेचक ने आरोपपत्र दाखिल किया था।
Trending Videos
दर्ज केस के अनुसार मथुरा के थाना यमुनापार क्षेत्र के अयोध्या नगर निवासी सिया देवी ने 6 फरवरी 1999 को तहरीर दी थी। आरोप लगाया था कि उनकी शादी घटना से 5 साल पहले थाना न्यू आगरा क्षेत्र के शांतिनगर निवासी ओमप्रकाश के साथ हुई थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
पति व अन्य ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज के लिए उत्पीड़न करते थे। पिता ने 24 हजार रुपये दिए इसके बाद भी उत्पीड़न कम नहीं हुआ। 15 हजार रुपये की और मांग करने लगे। विरोध पर करंट लगाया। पुलिस ने आरोपी पति और देवर के विरुद्ध केस दर्ज किया। 18 मार्च 1999 को गिरफ्तार कर आरोपी जेल भेजे गए। चार दिन बाद ही विवेचक ने आरोपपत्र दाखिल किया था।